सिविल वर्क का मुख्यमंत्री निवास से ज्यादा काम गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (44,84,455), नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (31,29,269), स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (27,94,541), सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया (19,41,810) और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (18,75,175) के बंगले पर हुआ.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में मंत्रियों के बंगले सजाने में 4.58 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं. सबसे ज्यादा 1 करोड़ रुपए सीएम हाउस पर खर्च हुए हैं, तो 56 लाख रुपए पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के बंगले की साज-सज्जा में लगे हैं. यह जानकारी बजट सत्र के दौरान विधानसभा में पांचीलाल मेड़ा के एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है.
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मेड़ा के सवाल का जवाब पीडब्ल्यूडी मंत्री भार्गव ने दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के बंगलों की साज-सज्जा में 1 अप्रैल 2020 से 31 जनवरी 2021 तक हुए खर्च का ब्यौरा दिया. सीएम हाउस में बिजली के काम में 81 लाख से ज्यादा खर्च किए गए, साथ ही 18.52 लाख का सिविल वर्क हुआ. मुख्यमंत्री के 74 बंगला स्थित एक अन्य घर में बी-8 में 13.41 लाख का काम हुआ.
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सिविल वर्क का मुख्यमंत्री निवास से ज्यादा काम गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (44,84,455), नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (31,29,269), स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (27,94,541), सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया (19,41,810) और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (18,75,175) के बंगले पर हुआ. खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया व पूर्व मंत्री इमरती देवी के बंगलों पर सबसे कम 1495 रुपए का काम हुआ.
कमलनाथ के बंगले पर 8 करोड़ रुपए खर्च हुए: भार्गव
पीडब्ल्यू मंत्री गोपाल भार्गव ने सदन में कहा, ''मैं बताना चाहता हूं, 17-18 साल से मंत्री रहा और नेता प्रतिपक्ष भी रहा. एक रुपए का काम मेरे बंगले पर नहीं हुआ. जब मैं नेता प्रतिपक्ष था तो सबसे ज्यादा आवश्यकता मुझे थी कि 108 विधायक कहां बैठें? अभी तो सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक होती है, जब हमारी सरकार नहीं थी और मैं विपक्ष में था तो 108 विधायकों को बैठने के लिए हाल बनवाया था. यह सारे के सारे काम हैं, जिनके बारे में जानकारी दी है. कमलनाथ के बंगले पर 8 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.''
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भाजपा ने आपदा को अवसर में बदला है: जीतू पटवारी
कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने आपदा को अवसर में बदला है. कमलनाथ के बंगले पर हुए खर्च को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि सबसे ज्यादा रिनोवेशन का काम गोपाल भार्गव के बंगले पर किया गया है. पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर हैं, सबसे ज्यादा खर्चा उनके ही बंगले पर हुआ है. तो दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले देखें कि चार अंगुलियां खुद उनकी तरफ हैं.''
उपाध्यक्ष पद का चुनाव निर्विरोध नहीं होगा
वहीं सत्ताधारी भाजपा से उपाध्यक्ष पद को लेकर सहमती नहीं बन पाने के कारण कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम निर्विरोध चुने गए थे. लेकिन उपाध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस उपाध्यक्ष पद पर अपना दावा ठोकने जा रही है. हालांकि इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कह चुके हैं कि परंपरा के मुताबिक विधानसभाा उपाध्यक्ष विपक्ष का होना चाहिए. लेकिन खुद उनके कार्यकाल में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों कांग्रेस पार्टी से ही थे.
कांग्रेस उपाध्यक्ष पद पर ठोक रही है दावा
उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की स्थिति बनने पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर ली है. मंगलवार को कमलनाथ की मौजूदगी में इस मामले को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई थी. इसमें तय हुआ कि उपाध्यक्ष पद कांग्रेस को मिलना चाहिए. संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि परंपरा तो कांग्रेस ने तोड़ी. कमलनाथ जब सत्ता में थे तब उन्होंने उपाध्यक्ष का पद भाजपा को नहीं दिया था. अब उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
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