इंटरनेट की दुनिया में क्रांति ला देगी 'स्टारलिंक'! भारत में शुरू हुई प्री बुकिंग, जानिए क्या है?
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इंटरनेट की दुनिया में क्रांति ला देगी 'स्टारलिंक'! भारत में शुरू हुई प्री बुकिंग, जानिए क्या है?

स्टारलिंक कंपनी दुनिया के किसी भी रिमोट इलाके में इंटरनेट सेवा देगी और वो भी बहुत तेज स्पीड में.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्लीः भारत के इंटरनेट सर्विस बाजार में अब एक नए खिलाड़ी की एंट्री होने वाली है. इससे भारत में स्थापित इंटरनेट प्रोवाइडर्स की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं. इसकी वजह है स्टारलिंक कंपनी. मशहूर उद्योगपति इलोन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारतीय बाजार में एंट्री करेगी. इतना ही नहीं स्टारलिंक ने प्री-ऑर्डर भी लेना शुरू कर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि कंपनी 2022 तक भारत में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर देगी. 

इंटरनेट की दुनिया में ला सकती है क्रांति
स्टारलिंक कंपनी भारत में इंटरनेट की दुनिया में क्रांति ला सकती है. इसकी वजह ये है कि स्टारलिंक के इंटरनेट की स्पीड 50-150 एमबीपीएस है और कंपनी का लक्ष्य भविष्य में इसे 1 Gbps तक ले जाने का है. साथ ही स्टारलिंक कंपनी दुनिया के किसी भी रिमोट इलाके में इंटरनेट सेवा देगी और वो भी बहुत तेज स्पीड में.

भारत में महंगा होगी सर्विस
भारत में प्री बुकिंग शुरू हो चुकी है. हालांकि भारत में यह महंगी होगी. अभी इसके लिए 99 डॉलर यानी कि करीब 7000 रुपए देने होंगे. भारत में अभी इंटरनेट सेवाएं काफी सस्ती हैं. ऐसे में स्टारलिंक को भारत में इस मामले में चुनौती का सामना करना पड़ेगा.  

क्या है स्टारलिंक?
एलन मस्क का यह बहुत ही महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के जरिए इलोन मस्क आसमान में कई हजार सैटेलाइट लॉन्च करेंगे. जिन्हें एक दूसरे से लेजर के द्वारा लिंक किया जाएगा. अभी तक इलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक आसमान में कुछ सौ के करीब सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है और कंपनी की योजना करीब 42 हजार सैटेलाइट लॉन्च करने की है. ये सैटेलाइट पृथ्वी के काफी करीब होंगी. इतनी बड़ी संख्या में सैटेलाइट लॉन्च होने से आपके धीमे इंटरनेट की समस्या खत्म हो जाएगी. साथ ही स्टारलिंक से इंटरनेट सस्ता भी हो जाएगा. 

खतरे भी बहुत ज्यादा
स्टारलिंक प्रोजेक्ट काफी महत्वकांक्षी है और इससे दुनिया काफी बदल जाएगी. हालांकि इसके खतरे भी कम नहीं है. सबसे बड़ा खतरा जो है वो है अंतरिक्ष कचरे का. चूंकि इलोन मस्क की कंपनी अंतरिक्ष में 42 हजार सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रही है तो इससे अंतरिक्ष में सैटेलाइट ही सैटेलाइट की भरमार हो जाएगी और उनके आपसे में टकराने का भी खतरा है, जिससे अंतरिक्ष में कचरा भी बढ़ेगा. 

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