उज्जैन स्टेशन पर खड़े स्टीम इंजन का मना जन्मदिन, नेहरू-इंदिरा-जीवाजीराव कर चुके हैं सफर
जीवाजीराव सिंधिया की धरोहर रहा भाप का यह इंजन अब उज्जैन रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है. कुली शफी बाबा के अनुसार नैरोगेज पर इस ट्रेन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी ने भी सफर किया था.
उज्जैन: आपने कई जन्मदिन की पार्टियां देखी होंगी लेकिन क्या कभी किसी रेलवे इंजन का जन्मदिन मनते हुए देखा है? उज्जैन-आगर के बीच 1970 से पहले नैरोगेज ट्रेन का संचालन किया जाता था. तब भाप का इंजन उज्जैन और आगर के बीच चला करता था. नैरोगेज ट्रेन बंद होने के भाप का इंजन 14 वर्षों से रेलवे डिपो में खड़ा था, जिसे 25 जून 2006 को यादगार के रूप में उज्जैन स्टेशन परिसर के बाहर खड़ा कर दिया गया. उसके बाद से ही उज्जैन रेलवे स्टेशन का स्टाफ और कुली इस इंजन का जन्मदिवस मनाते आ रहे हैं.
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हर साल 4 जनवरी को मनाया जाता है स्टीम इंजन का बर्थडे
हर साल की तरह इस बार भी स्टीम रेल इंजन को फूल-मालाओं से सजाया गया. रेलवे स्टाफ ने कुलियों संग केक काट कर रेलवे इंजन का जन्मदिन मनाया. कुली शफी बाबा के अुनसार उन्होंने इस ट्रेन में चाय बेची थी. इस इंजन के साथ सालों की यादें उनकी और अन्य कुली भाईयो की जुड़ी हैं. इस कारण वह लगातार इस इंजन का जन्मदिन मनाते हैं, इस अनोखे नजारे को देखने के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस वर्ष किसी को आमंत्रित नहीं किया गया.
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नेहरू, इंदिरा और जीवाजीराव कर चुके हैं इस ट्रेन की सवारी
जीवाजीराव सिंधिया की धरोहर रहा भाप का यह इंजन अब उज्जैन रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहा है. कुली शफी बाबा के अनुसार नैरोगेज पर इस ट्रेन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी ने भी सफर किया था. कभी स्वयं जीवाजीराव सिंधिया ने सफर किया था. तब यही स्टीम इंजन ट्रेन को खींचता था. यह इंजन उज्जैन और आगर के बीच रेल यात्रा करने वाले पुराने लोगों की यादों में बसा है. इसलिए उज्जैन स्टेशन पर दशकों से काम कर रहे कूली इस स्टीम इंजन के प्रति खास लगाव रखते हैं.
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स्टीम इंजन ने 1988 में तय किया आखिरी सफर, जानें खूबियां
उज्जैन से आगर और आगर से उज्जैन के बीच करीब 70-80 किमी चलने वाले इस भाप के इंजन में 22 खूबियां हैं. जेड-बी टाइप का इंजन, जिसका नंबर 77 है. इसी कुल सर्विस 20 वर्षों की रही. वॉटर कैपेसिटी 1300 गैलन और कोयला क्षमता 2.25 टन है. इंजन का वजन 27.5 टन है जिसे डब्ल्यूजी बैगनालिट्टो द्वारा यह बनाया गया था. यह स्टीम इंजन 1 लाख 61 हजार 276 रुपए में बनकर तैयार हुआ था. इसे 25 जून 2006 को उज्जैन स्टेशन पर लाया गया, 13 अप्रैल 1988 को इसने आखिरी सफर तय किया.
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