घने जंगल में बना है मां घटारानी का मंदिर, छत्‍तीसगढ़ की ये जगह से पूरे देश में मशहूर
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घने जंगल में बना है मां घटारानी का मंदिर, छत्‍तीसगढ़ की ये जगह से पूरे देश में मशहूर

जतमाई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 80 किमी की दूरी पर स्थित हैं. मां का ये मंदिर जंगल के बीचों-बीच बना हुआ है. 

(फोटो साभार: @pinterest/@GoChhattisgarh)

बस्‍तर: छत्‍तीसगढ़ में झरनों के बीच बसीं मां जतमाई के दर्शन करने के लिए मॉनसून का मौसम से अच्‍छा रहता है. जतमाई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 80 किमी की दूरी पर स्थित हैं. मां का ये मंदिर जंगल के बीचों-बीच बना हुआ है. अगर आप प्रदूषण से दूर कुछ दिन शांति और प्रकृति के बहच बिताना चाहते हैं तो इससे अच्‍छी और कोई दूसरी जगह हो ही नहीं सकती है. 

माता के मंदिर से ठीक सटी हुई जलधाराएं उनके चरणों को छूकर चट्टानों से नीचे गिरती हैं. स्‍थानीय मान्‍यताओं के अनुसार, ये जलधाराएं माता की सेविकाएं हैं. माता के मंदिर में हर साल चैत्र और कुंवार के नवरात्रों में मेले का आयोजन किया जाता है.

जुलाई से दिसंबर के बीच जाएं 
माता का ये मंदिर झरनों के बीच बना हुआ है इसलिए ये छत्‍तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्‍थलों में से भी एक है. जतमाई से लगा हुआ घटारानी भी जतमाई की तरह ही एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. जतमाई में सालभर लोगों की भारी भीड़ रहती है. लेकिन यहां आने का सबसे अच्‍छा समय जुलाई से लेकर दिसंबर तक रहता है.

रिसॉर्ट-लाज की सुविधा उपलब्ध
जतमाई पहुंचने के लिए सबसे आसान सड़क मार्ग राजिम से बेल्तुकरी कौन्द्केरा होते हुए जाता है. रात रुकने के लिए राजिम में रिसॉर्ट और लाज की सुविधा भी उपलब्ध है. इसके अलावा जतमाई में भी रात रुकने के लिए वन विभाग द्वारा विश्राम गृह की व्यवस्था है. वन विभाग का चेतना केंद्र भी पर्यटकों के लिए शिविर का इंतजाम करता है.

कैसे जाएं 
रायपुर से यहां की दूरी लगभग 80 किलोमीटर के आसपास है. गरियाबंद के छुरा ब्‍लाक में मौजूद जतमाई आने के लिए सबसे अच्‍छा मार्ग सड़क मार्ग है. यहां आने के लिए पहले आपको रायपुर आना होगा जो देश के सभी मुख्‍य शहरों से हवाई और रेल मार्ग के जरिए जुड़ा हुआ है. 

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