ग्वालियर: ग्वालियर के महाराज बाड़ा स्थित 109 साल पुरानी गवर्नमेंट प्रेस को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. सिंधिया रियासत द्वार 1912 में स्थापित इस प्रेस में जयाजी प्रताप, राज्य के हुक्मराने और गजट आदि का प्रकाशन होता था. इसके बाद यहां चुनाव की गोपनीय सामग्री सहित सरकारी दस्तावेजों का प्रकाशन किया जाने लगा.


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जब सरकार के आदेश की खबर प्रेस में काम करने वाले लोगों को लगी तो उनके चेहरे पर मायूसी छा गई. सरकार ने ग्वालियर के अलावा इंदौर और रीवा के गवर्नमेंट प्रेस को भी बंद करने का आदेश गुरुवार को जारी कर दिए हैं. इन तीनों प्रेस में कार्यरत कर्मचारियों की पद स्थापना को लेकर 8 सदस्यों की संभाग स्तरीय कमेटी बनी है.


 


नीलाम होगी संपत्ति
जिस महाराज बाड़ा की बिल्डिंग में गवर्नमेंट प्रेस संचालित थी उसको स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने मांगा है. प्रेस के कलपुर्जों व अन्य संपत्ति को नीलामी किया जाएगा. हालांकि, गवर्नमेंट प्रेस परिसर का स्वामित्व राजस्व विभाग के पास ही रहेगा. ग्वालियर प्रेस सहित इंदौर व रीवा के गवर्नमेंट प्रेस में कुल 1286 पद स्वीकृत हैं. इनमें 495 पद अभी खाली हैं.


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अब इन खाली पदों को सरकार ने खत्म कर दिया है. ग्वालियर गवर्नमेंट प्रेस में काम कर रहे 67 कर्मचारियों को राजस्व विभाग में भेजा जाएगा. इसी तरह इंदौर और रीव प्रेस के कर्मचारियों का समायोजन भी दूसरे सरकारी विभागों में किया जाएगा. गवर्नमेंट प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि वर्तमान में जो अनपढ़ कर्मचारी यहां काम कर रहे हैं, उन्हें हाजिरी लगाने के लिए आज भी सिंधिया रियासत की तरह आलीजाह दरबार के नाम से टोकन दिया जाता है. इसी के हिसाब से उनको वेतन भी दिया जाता है.


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