मेहनत मजदूरी से मिले पैसे से राम ने 51 हजार रुपये जमा किये थे. ये राशि उन्होंने अपने भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए सहयोग के लिए दे दी.
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रतलाम/चंद्रशेखर सोलंकी: अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर के लिए सालों से कितनी आस्था और उम्मीद लगी थी. इसका अंदाज़ा अब इस मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि देने वाले लोगों के सामने आने से लगाया जा सकता है. आर्थिक हालात भले ही कमजोर हो लेकिन भगवान राम में आस्था इतनी मजबूत की अब राम मंदिर के लिए अपनी मेहनत से कमाई पूंजी को मंदिर निर्माण में देने को पीछे नहीं है.
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दरअसल रतलाम में एक ऐसा ही भगवान राम का भक्त सामने आया है. जो मिस्त्री का काम करता है. रोज के कुछ रुपये कमाने के लिए लोगों के सपनों के घर की एक एक ईंट को बारीकीं से नापतोल कर जोड़कर उनका आशियाना तैयार करता है. लेकिन अपनी सालों की कमाई पूँजी से बचाई राशि 51 हजार भगवान राम के मंदिर निर्माण में दे दिए.
मिस्त्री का काम करता राम
रतलाम के राम कुमावत जो रोज घर से भगवान को हाथ जोड़कर इस आस्था के साथ घर से निकलता है कि भगवान उसे आज कुछ नया काम देगा. एक छोटा मिस्त्री का काम करने वाला राम रोज दिन दिहाड़ी में एक-एक ईंट जोड़कर लोगों के आशियाने बनाता है.
सपना था राम मंदिर बनें
मेहनत मजदूरी से मिले पैसे से राम ने 51 हजार रुपये जमा किये थे. ये राशि उन्होंने अपने भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए सहयोग के लिए दे दी. राम जन्म भूमि अभियान समिति को मिस्त्री राम कुमावत ने 51 हजार रुपये का चेक दिया है. उनका कहना है कि यह उनका सपना था कि राम मंदिर का निर्माण हो.
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इस चंदे से हैरान हम हैरान
राम जन्म भूमि अभियान समिति के पालक शुभम चौहान भी इस तरह से लोगों की आस्था और सहयोग को देखकर हैरान है. उनका कहना है कि संपन्न लोग तो राम मंदिर निर्माण में आगे आ ही रहे है लेकिन इस तरह के लोगों के सहयोग को देख जाहिर हो रहा है कि राम मंदिर का मसला लोगों के लिए सिर्फ आस्था का ही नहीं बल्कि भारत के हर हिन्दू का बड़ा सपना था.
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