संयोग: 97 साल की दादी का रामनवमी के दिन था जन्मदिन, उसी दिन कोरोना को हराकर लौटी घर
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संयोग: 97 साल की दादी का रामनवमी के दिन था जन्मदिन, उसी दिन कोरोना को हराकर लौटी घर

 कोरोना महामारी के बीच लगातार निगेटिव खबरों के बीच यह खबर आपको राहत देने का काम कर सकती है.

दादी शांतिबाई

उज्जैन/अलीराजपुर: कोरोना महामारी के बीच लगातार निगेटिव खबरों के बीच यह खबर आपको राहत देने का काम कर सकती है. दरअसल उज्जैन में 97 साल की बुजुर्ग दादी शांतिबाई कोरोना महामारी जैसी गंभीर बिमारी को हरा कर घर लौटी है. आपको बता दें कि शांतिबाई के फेफडों में करीब 80% तक इंफेक्शन हो गया था. लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज वो कोरोना से जंग जीत गई.

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जन्मदिन के समय मिला दूसरा जन्म
आपको बता दें कि शांतिबाई का जन्म 1925 को रामनवमी के दिन ही हुआ था. संयोग देखिए कि रामनवमी के दिन ही वह अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटी थी. यानी अपने जन्मदिन के दिन ही उन्हें नया जीवन मिला.

अलीराजपुर में 94 वर्ष के दादा ने जीती जंग
बात अलीराजपुर की करे तो यहां सीताराम राठौर जिनकी उम्र 94 वर्ष की है. उनके फेफडों में 65 फीसदी संक्रमण हो गया था. बावजूद वह अस्पताल में रहे, उनका इलाज चला. डॉक्टरों की बात मानकर तय खान-पान किया और उन्होंने कोरोना को मात दे दी. 

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पिछले साल भी जीती थी बुजुर्गों ने जंग
पिछले साल कोरोना से 101 साल के बुजुर्ग संक्रमित पाए गए थे. संभवत: वे देश में सबसे उम्रदराज थे, जो कोरोना से संक्रमित हुए थे. बुजुर्ग लॉकडाउन में घर पर ही थे, बावजूद वे संक्रमित कैसे हुए, यह पता नहीं चल पाया था. पेट दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. हालांकि कुछ दिनों बाद 101 साल की महिला ने भी कोरोना को मात दी थी.

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