हवाई जहाज का रंग अधिकतर सफेद ही होता है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है. आइए जानते हैं...
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नई दिल्लीः आपने हवाई जहाज को जब भी देखा हो तो एक बात जरूर नोटिस की होगी. वो ये है कि हवाई जहाज का रंग अधिकतर सफेद ही होता है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है. हालांकि कुछ एयरलाइंस के प्लेन्स का रंग सफेद से अलग भी होता है लेकिन अधिकतर एयरलाइंस के प्लेन सफेद ही होते हैं.
क्या है इसकी वजह?
बता दें कि सफेद रंग की खासियत होती है कि वह सूरज की रोशनी को परावर्तित कर देता है. यही वजह है कि लोग गर्मियों में सफेद कपड़े पहनना पसंद करते हैं क्योंकि इससे उन्हें गर्मी में राहत मिलती है. वहीं काला या कोई अन्य रंग सूरज की गर्मी को सोख लेता है. इसी के चलते गर्मियों में काले कपड़ों में गर्मी ज्यादा लगती है. अब यही बात एयर प्लेन्स पर भी लागू होती है.
हवाई जहाज का रंग सफेद होने से वह सूरज की गर्मी कम सोखता है. जिससे हवाई जहाज में ठंडक बनी रहती है. सोलर रेडिएशन का खतरा भी सफेद रंग की वजह से कम रहता है. हवाई जहाज के कुछ हिस्से प्लास्टिक, कार्बन फाइबर और फाइबर ग्लास से बने होते हैं. ऐसे में हवाई जहाज का तापमान बढ़ना खतरनाक साबित हो सकता है.
एयरलाइंस का भी फायदा
प्लेन का सफेद रंग होने से एयरलाइंस को भी फायदा होता है. असल में एक प्लेन को कलर करने में एयरलाइंस को 50 हजार से 2 लाख डॉलर तक खर्च करने पड़ते हैं. यही वजह है कि एयरलाइंस प्लेन को कलर करने में अपने पैसे बर्बाद नहीं करना चाहती.
सफेद प्लेन की बॉडी में अगर कोई दिक्कत है या क्रैक है तो सफेद रंग की वजह से वह आसानी से पता चल जाता है. इसके अलावा अगर कभी हादसा होता है तो सफेद प्लेन को अन्य रंग के प्लेन की तुलना में ढूंढना भी आसान होगा.
हवाई जहाज बहुत ज्यादा ऊंचाई पर ही क्यों उड़ते हैं?
सामान्य तौर पर कमर्शियल हवाई जहाज बहुत ज्यादा ऊंचाई औसतन 35 हजार फीट (10,700 किलोमीटर) पर उड़ते हैं. इसकी वजह है कि वह ऊंची-ऊंची इमारतों, पहाड़ों से आसानी से बच जाएं. साथ ही 35 हजार फीट की ऊंचाई पर हवा का दबाव कम होता है, इससे हवाई जहाज को उड़ने में कम फोर्स लगानी होती है और फ्यूल भी बचता है. इसके अलावा बादल भी इससे कम ऊंचाई पर होते हैं. इसलिए जब मौसम खराब होता है तो 35 हजार फीट की ऊंचाई पर हवाई जहाज पर खराब मौसम का असर नहीं पड़ता है. हवाई जहाज के इतनी ऊंचाई पर उड़ने की एक और वजह ये है कि पक्षी इतने ऊंचे नहीं उड़ते हैं. ऐसे में उनके हवाई जहाज के सामने आने की आशंका नहीं रहती है और प्लेन सुरक्षित रहता है.