छिंदवाड़ा: एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसे गांव के चार लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अस्पताल तक पहुंचाया. लेकिन जब तक महिला अस्पताल में पहुंची तब तक देर हो चुकी थी, क्योंकि गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई थी. बीते कई वर्षों से गांव के लोग इस तरह की समस्या से जुझ रहे हैं. मामला छिंदवाड़ा जिले के दमुआ का बताया जा रहा है.


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हर बारिश में संपर्क टूट जाता
बता दें कि जुन्नारदेव ब्लॉक के दमुआ अंतर्गत ग्राम रामपुर के टेकाढना और चीतल भाटा के बीच नदी है. जिस पर पुल का निर्माण नहीं हुआ है. हर वर्ष बारिश के दिनों में इन गांव का सम्पर्क ब्लॉक और जिला मुख्यालय से टूट जाता है. नदी में पानी का तेज बहाव इनके लिए परेशानी का सबब बन जाता है. 


एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची
भारी बारिश और पुल के न होने से गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे लेकर लोग निकले. नदी में पानी होने के कारण एम्बुलेंस महिला के घर तक नहीं पहुंची. ऐसे में गांव के चार लोगों ने साहस दिखाया और महिला को किसी तरह नदी पार कराने के बाद वाहन से अस्पताल तक पहुंचाया. गांव के लोगों में जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश हैं, क्योंकि उनके द्वारा मांग किए जाने के बाद भी नदी पर पुल का निर्माण नहीं किया जा रहा है.


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पेट में ही तोड़ दिया दम
छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव ब्लॉक के दमुआ अंतर्गत ग्राम रामपुर के टेकाढना और चीतल भाटा के बीच नदी पर पुल का निर्माण नहीं होने के कारण मां के यहां आई गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर चार लोग किसी तरह नदी के पार लेकर गए थे. देर होने की वजह से महिला के पेट में भी बच्चे की मौत हो गई. ग्राम सचिव अरविंद साहू ने बताया कि इलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की मौत पेट में ही हो चुकी थी. महिला का ससुराल बैतूल जिले का है. हादसे के बाद वह ससुराल चली गई. कई बार प्रशासन से नदी पर पुल निर्माण के लिए मांग की, लेकिन अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है.


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