सागर जिले के एक स्वास्थ्य केंद्र में अचानक से करंट फैल गया. जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त अस्पताल में वैक्सीनेशन का काम चल रहा था.
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सागरः सागर जिले में एक बड़ा हादसा टल गया. जिले के जरुआखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग में सोमवार को करंट फैल गया. जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया. इस दौरान अस्पताल में रखे कुछ उपकरण जल गए. जिस वक्त अस्पताल में करंट फैला उस वक्त अस्पताल में डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी और अस्पताल में वैक्सीनेशन का काम चल रहा था.
इस वजह से फैला करंट
दरअसल, जरुआखेड़ा में बने प्राथामिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर हो गया है. पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बिल्डिंग की छत और दीवारों से पानी टपक रहा है. सोमवार की सुबह अस्पताल के बिजली केवलों में अचानक स्पार्किंग शुरू हो गई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में लगे पंखों और अन्य उपकरणों में करंट फैल गया और उनमें आग भी लग गई. जिससे पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.
स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा था वैक्सीनेशन
घटना सुबह 9 बजे के आस पास की बताई जा रही है. अस्पताल में वैक्सीनेशन का काम चल रहा था, जिससे मौके पर लोगों की भीड़ भी थी. लेकिन इसी दौरान अचानक से अस्पताल में करंट फैल गया. जिससे स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद लोग तुरंत बाहर निकल आए. जबकि अस्पताल में मौजूद सभी मरीजों को भी तुरंत बाहर निकाल लिया गया. हालांकि गनीमत रही कि इस दौरान किसी को करंट नहीं लगा. लेकिन अचानक से अस्पताल में इस तरह करंट फैलने से कोई बड़ी घटना हो सकती थी.
पूरे अस्पताल की बिजली सप्लाई की गई बंद
घटना के बाद पूरे अस्पताल का मेन स्विच बंद करके पूरे अस्पताल की बिजली सप्लाई बंद करवाई गई. स्पार्किंग के कारण अस्पताल में लगे तीन पंखे पूरी तरह से जल गए हैं. जबकि कीमती सामान को बाहर निकाल लिया गया है बाद में बिजली विभाग की टीम की पहुंचने के बाद विद्युत प्रवाह फिर से शुरू किया गया और जिससे अस्पताल में मरीजों का इलाज फिर से शुरू किया गया. बिजली विभाग की टीम करंट फैलने के कारणों की भी जांच कर रही है, मामले की जानकारी लगते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले की जांच करने सागर से इंजीनियर को भेजा है.
अस्पताल का भवन हो चुका है जर्जर
सागर जिले के जरुआखेड़ा में बने स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण साल 2006 में कराया गया था. लेकिन पिछले कुछ सालों में भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. छत से लगातार पानी टपकता रहता है, जिससे अस्पताल में बने वार्डों में भी जगह-जगह पानी जमा हो जाता है. जिससे अस्पताल में लोगों के बैठने की भी जगह नहीं रहती है. डॉक्टरों का कहना है कि भवन की मरम्मत के लिए कई बार लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के भी पत्र लिखे जा चुके हैं. लेकिन इस तरह अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि गनीमत रही की आज की घटना से कोई हानि नहीं हुई. लेकिन अब भवन की मरम्मत या नए भवन का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए. क्योंकि बारिश में इस तरह की स्थिति हर साल बनती है.
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