जिला प्रशासन ने कोरोना के इस समय में सरकारी टीचर्स को भी अस्पतालों में तैनात करने का आदेश दिया है.
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जबलपुर/कर्ण मिश्राः कोरोना महामारी से हालात बेकाबू होते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में जबलपुर प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए मेडिकल स्टाफ के साथ ही सरकारी टीचर्स की भी कोविड अस्पतालों में ड्यूटी लगा दी है. साथ ही जबलपुर प्रशासन ने सरकारी और निजी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का भी आदेश दिया है.
अस्पतालों में ये काम करेंगे सरकारी टीचर्स
जिला प्रशासन ने कोरोना के इस समय में सरकारी टीचर्स को भी अस्पतालों में तैनात करने का आदेश दिया है. टीचर्स अस्पतालों में मॉनिटरिंग की काम करेंगे और देखेंगे कि व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें और किसी भी तरह की लापरवाही या गलती ना हो. साथ ही टीचर्स अस्पताल में बेड की उपस्थिति, ऑक्सीजन की उपलब्धता, इंजेक्शन का स्टॉक, मरीजों से मनमाने चार्ज ना वसूले जाएं आदि काम की भी मॉनिटरिंग करेंगे.
जिले के 50 शिक्षकों की लगाई गई ड्यूटी
प्रशासन ने जिले के 50 शिक्षकों की अभी कोरोना अस्पतालों में ड्यूटी लगाई है. टीचर्स को हर घंटे की स्टेटस रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपनी होगी. दरअसल प्रशासन को काफी समय से अस्पतालों में बिगड़ी व्यवस्थाओं और लापरवाही की शिकायतें मिल रहीं थी. जिस पर प्रशासन ने यह फैसला लिया है.
सरकारी अध्यापकों को नोडल अधिकारी और सहायक नोडल अधिकारी के रूप में तैनाती दी गई है. आदेश के मुताबिक जिला अस्पताल, जबलपुर में डिप्टी कलेक्टर मेघा पवार को नोडल अधिकारी बनाया गया है. वहीं अनिल बोरिया को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है. इसी तरह मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में कर्तव्य अग्रवाल को नोडल अधिकारी और राहुल तिवारी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है. इस तरह पूरे 50 अस्पतालों की लिस्ट है.