भारत में सबसे पहले अक्टूबर में पाया गया यह वैरिएंट B-1617 ज्यादा संक्रामक लगता है जिसके आसानी से फैलने के आसार है.
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नई दिल्ली: कोरोना का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना जिस रूप में आया था अब उससे कई गुना घातक होता जा रहा है. कोरोना के नए वैरिएंट आते जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना की दूसरी लहर में भारत में फैल रहे नए स्ट्रेन को वैश्विक स्तर पर वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है. WHO का कहना है कि भारत में सबसे पहले अक्टूबर में पाया गया यह वैरिएंट B-1617 ज्यादा संक्रामक लगता है जिसके आसानी से फैलने के आसार है.
कोरोना पर WHO की ओर से कहा गया है कि इस वैरिएंट B-1617 पर एंटीबॉडीज का कम असर हो रहा है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इस वैरिएंट में वैक्सीन के प्रति ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता होगी. कोरोना की सभी वैक्सीन बीमारी को रोकने और B-1617 वैरिएंट से संक्रमित लोगों की जान बचाने में असरदार हैं.
मौजूदा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन और जांच कारगर है. WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने भी कहा है कि साथ ही कहा कि इलाज भी पहले वाला ही दिया जा रहा है. इसलिए लोगों को इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है वैक्सीन लगवाने के लिए आगे बढ़े.
भारत अब चौथे स्थान पर आ चुका है जहां फैल रहे कोरोना वैरिएंट को WHO ने कंसर्न कैटेगरी में शामिल किया है. इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका कंसर्न कैटगरी में रखा गया. WHO का मानना है कि संक्रमण रोकने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करनी होगी. WHO की चीफ ने कहा कि इस वक्त भारत और साउथ-ईस्ट के दूसरे देशों में कोरोना के रोज आ रहे केसों और मौतों को लेकर स्थिति चिंताजनक है. यहां डेटा भी कमतर आंके गए हैं जबकि इस पर सरकारों को सही आंकड़े देने चाहिए.
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