आदिवासी क्षेत्रों में एजुकेशन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए 758 नए एकलव्य स्कूल बनाए जाएंगे. इसके लिए 38 करोड़ रुपए खर्ज किए जाएंगे. इन स्कूलों में दोनों माध्यमों से पढ़ाई की जाएगी.
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नीरज यादव/नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 में एजुकेशन सेक्टर को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि देशभर में एजुकेशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए 100 नए सैनिक स्कूल बनाए जाएंगे. इसके लिए निजी क्षेत्र की मदद ली जाएगी. वहीं, बजट सत्र के दौरान के वित्त मंत्री ने हायर एजुकेशन कमीशन बनाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा. इसके अलावा लद्दाख के लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का भी ऐलान किया गया.
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इन इलाकों में खोले जाएंगे एकलव्य स्कूल
आदिवासी क्षेत्रों में एजुकेशन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए 758 नए एकलव्य स्कूल बनाए जाएंगे. इसके लिए 38 करोड़ रुपए खर्ज किए जाएंगे. इन स्कूलों में दोनों माध्यमों से पढ़ाई की जाएगी. साथ ही देश में 15 हजार स्कूलों को आदर्श विद्यालय में तब्दील किया जाएगा.वहीं, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर आगामी 5 वर्षों में 50,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
सैनिक स्कूल क्या है ?
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से लड़कों को तैयार करने के उद्देश्य से 1961 में सैनिक स्कूलों की स्थापना की गई थी. सैनिक स्कूल प्रणाली की स्थापना और प्रबंधन सैनिक स्कूल सोसायटी, रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है. सैनिक स्कूलों का मुख्य उद्देश्य पब्लिक स्कूल की शिक्षा को आम आदमी की पहुंच में लाना है.
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जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में भारत में 26 सैनिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. यहां पर छात्रों को देश की रक्षा सेवाओं में अधिकारियों के रूप में नेतृत्व करने के लिए तैयार किया जाता है. इन स्कूलों में प्रवेश के लिए हर वर्ष परीक्षा आयोजित की जाती है. जिसके तहत 6वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता है.
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