सीरम इंस्टीट्यूट से 10 हजार वैक्सीन ऑर्डर मामले में गरमाई सियासत, फर्जी अस्पतालों के नाम पर कैसे हो रहा वैक्सीन का आवंटन ?
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सीरम इंस्टीट्यूट से 10 हजार वैक्सीन ऑर्डर मामले में गरमाई सियासत, फर्जी अस्पतालों के नाम पर कैसे हो रहा वैक्सीन का आवंटन ?

नये वैक्सीन माफिया की जांच करे सरकार, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल ,मांग की कि तत्काल या तो इस अस्पताल को ढूंढा जाए या कोवीशील्ड का आदेश देने वाले व्यक्ति को अन्यथा यह माफिया प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा पर भारी पड़ने वाला है.

 

10 हजार वैक्सीन ऑर्डर मामले में गरमाई सियासत

कर्ण मिश्रा/जबलपुर: मध्य प्रदेश की जमीन बीते सोलह सालों में माफिया उत्पादन में इतनी मजबूत हो चुकी है कि यहां हर रोज नए-नए माफिया पैदा हो रहे हैं. ऐसा आरोप मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने लगाया है. भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अभी तक तो मध्यप्रदेश में नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचने बनाने के माफिया सक्रिय थे.

सवालों के घेरे में प्रदेश सरकार
उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कई सवाल किए हैं कि नकली प्लाज्मा सप्लाई करने, अस्पतालों से इंजेक्शन चुराने, ब्लैक फंगस के इंजेक्शन में गड़बड़ी करने वाले माफिया लहलहा रहे थे लेकिन अब तो वैक्सीन में भी घोटाला करने वालों की फसल लगाने लोग सक्रिय हो गए हैं. जबलपुर में मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट के नाम से 10 हजार कोवीशील्ड वैक्सीन का आदेश सीरम इंस्टिट्यूट को कैसे प्राप्त हो गया. किस ने आदेश दिया. यह सवालों के घेरे में आने के बाद भी प्रदेश सरकार चुप बैठी हुई है. जबकि इस नाम का कोई अस्पताल या संस्थान जबलपुर में है ही नहीं.

जिम्मेदार कौन
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के इंजेक्शन रिएक्शन कर रहे हैं. सप्लाई टर्मिनेट करनी पड़ रही है लेकिन वातावरण नहीं सुधर रहा है. इस अराजक स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है. मांग की कि तत्काल या तो इस अस्पताल को ढूंढा जाए या कोवीशील्ड का आदेश देने वाले व्यक्ति को अन्यथा यह माफिया प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा पर भारी पड़ने वाला है.

अस्पताल का नाम उजागर
भूपेंद्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार के लिए यह भी कहा है की कभी सरकार सेक्स वर्कर के लिए वैक्सीनेशन की बात कहती है फिर कहती है कि टाइपिंग मिस्टेक हुई. अब फिर अस्पताल के नाम उजागर को टाइपिंग मिस्टेक बता रही है. जो कही न कही अपनी लापरवाही को छुपाने का प्रयास है. ऐसे में इस वैक्सीन ऑर्डर कांड की जांच होनी ही चाहिए.

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