नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 1 अप्रैल से नया 'लेबर लॉ' लागू करने जा रही है. नया 'लेबर लॉ'  लागू होने से सैलरी सहित अन्य स्ट्रक्चर बदल जाएंगे. जिसका असर कर्मचारियों पर सीधे तौर पर होगा. नए 'लेबर लॉ' के कई फायदे हैं तो कई नुकसान भी. पहला तो यह है कि नए लेबर लॉ के लागू होने पर कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी कम हो सकती है. उदाहरण के लिए अगर इस समय आपकी वार्षिक सैलरी 4 लाख 80 हजार है. तो आपके अकाउंट में 35 हजार रुपए  प्रति माह आते होंगे. लेकिन नए लेबर लॉ के लागू होने पर आपकी इन हैड सैलरी कम हो सकती है. तो आइए जानते हैं, श्रम कानून में होने जा रहे बदलावों के बारे में विस्तार से.....


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सैलरी रिस्ट्रक्चर
नया 'लेबर लॉ'  लागू होने के बाद कंपनियों को सैलरी स्ट्रक्चर फिर से बनाना होगा. क्यूंकि नए नियमों के तहत सभी भत्ते जैसे छुट्टी यात्रा (LTA), घर का किराया, ओवरटाइम और यात्रा भत्ता को CTC के 50% पर क्लोज करना होगा. इसका मतलब कंपोनेंट CTC का 50% या अधिक होना ज़रूरी होगा. इससे इन हैंड सैलरी भी कम हो जाएगी.


ग्रेच्युटी
किसी भी कंपनी में फ़िक्स्ड टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को उतने दिनों के 'प्रो रेटा' आधार पर ग्रेच्युटी दी जाएगी. यानि कि किसी भी कर्मचारी का जितने दिनों का कॉन्ट्रैक्ट है उसे उतने दिन की ही ग्रेच्युटी दी जाएगी. वहीं, इस लॉ के लागू होने पर सिजनल कर्मचारी को सिर्फ 7 दिन की ग्रेच्युटी दी जाएगी. 


कौन होंगे सीजनल कर्मचारी?
सीजनल कर्मचारी वे होते हैं, जो किसी कंपनी में किसी सीजन के दौरान काम करते हैं. जैसे- होली के समय किसी कंपनी में रंग बनाने के लिए काम करने वाले कर्मचारी या पटाखा बनाने वाली कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी. 


फोर डेज़ वर्किंग
नए लेबर कोड में सरकार की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई कंपनी चाहे तो वह कर्मचारियों की आपसी सहमति से 4 वर्किंग डे कर सकती है. ऐसी स्थिति में हफ्ते के 48 घंटे पूरे करने के लिए कर्मचारियों को 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम करना पड़ सकता है. हालांकि इससे उन्हें तीन सप्ताहिक ऑफ जरूर मिलेंगे.


महिलाओं के लिए हो सकता है यह नया
नए नियम लागू होने के बाद महिलाएं कंपनियों में सभी प्रकार की नौकरी करने की हकदार बन सकेंगी.  वहीं, इस दौरान अगर उनसे खतरनाक काम करवाने की जरूरत महसूस होगी, तो कंपनी की तरफ से उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी. 


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इसके लिए नहीं लेनी पड़ेगी सरकार की अनुमति
नए लेबर लॉ के हायर एंड फ़ायर के तहत 300 या उससे कम कर्मचारियों वाली कंपनी को शटर डाउन करके सभी कर्मचारियों को निकालने की छूट मिल सकती है. इसके लिए कंपनी को सरकार की अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी. मौजूदा समय में अगर कोई 100 कर्मचारियों वाली कंपनी ऐसा करती है तो उसे सरकार की अनुमति लेनी होती है.


वहीं, नए लेबल लॉ में दफ्तर या फैक्ट्री में काम करने के दौरान कर्मचारियों को ज्यादा सुरक्षा देने के लिए भी नियम बनाए गए हैं. व्यावसायिक सुरक्षा कोड और स्वास्थ्य व कार्य की स्थितियां कानून में इसके प्रावधान प्रस्तावित हैं.


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