Drugs Addiction: सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स की बढ़ती लत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ये खतरनाक है कि आज युवाओं के बीच इसका इस्तेमाल 'कूल' समझा जाने लगा है, ये दोस्ती का सबब बन गया है.
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Supreme Court on Drugs: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में देश के युवाओं से अपील की है कि वो ड्रग्स के इस्तेमाल से दूर रहे. वो अपने विवेक का इस्तेमाल करें. दोस्तों के दबाव में आकर ड्रग्स का इस्तेमाल न करें और उन लोगों को अनुसरण करने से बचे जो इसकी लत के शिकार हैं. कोर्ट ने ड्रग्स की बढ़ती लत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ये खतरनाक है कि आज युवाओं के बीच इसका इस्तेमाल 'कूल' समझा जाने लगा है, ये दोस्ती का सबब बन गया है.
ड्रग्स पीड़ित के साथ परिवार का भी नुकसान
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि भावनात्मक तनाव, पढ़ाई का दबाव या फिर दोस्तों के दबाव के चलते युवा ड्रग्स की लत के शिकार हो रहे है. इससे नुकसान सिर्फ नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले को नहीं होता. उनके परिवार को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.
ड्रग्स की लत वालों को सुधारने की कोशिश करें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स की लत के शिकार लोगों के प्रति हमारा नजरिया नकारात्मक न होकर, उनको सुधारने वाला होना चाहिए. ये तमाम स्टेक होल्डर्स की-अभिभावकों की, स्कूल/ कॉलेजों की, एनजीओ, सरकारी संस्थाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस जाल को खत्म करने के लिए अपने स्तर पर कोशिश करें.
कोर्ट के सामने मामला क्या था?
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी ड्रग्स तस्करी से जुड़े एक शख्स के खिलाफ एनआईए जांच को सही ठहराने वाले फैसले में की है. अंकुश विपन कपूर नाम के इस शख्स पर पाकिस्तान से भारत मे हेरोइन की तस्करी से जुड़े नेटवर्क में शामिल होने का आरोप था.