मोबाइल में नेटवर्क न आने का एक कारण आपके घर के पास लगी एक मशीन भी हो सकती है.
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नई दिल्ली: मोबाइल नेटवर्क की प्रॉब्लम तो हर किसी को फेस करनी पड़ती है. सोचिए जब आपको अर्जेंट में किसी को कॉल करना हो और आपके फोन में सिग्नल न आए तो कैसा लगेगा? गुस्सा आएगा, झुंझलाहट भी होगी. लेकिन इससे नेटवर्क तो आएगा नहीं. मोबाइल में नेटवर्क न आने का एक कारण आपके घर के पास लगी एक मशीन भी हो सकती है, जिसका नाम है सिग्नल बूस्टर.
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दरअसल टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट (DoT) के वायरलेस टेक्नोलॉजी मॉनिटरिंग ग्रुप ने दिल्ली में बड़ी कार्रवाई करते हुए 140 अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर हटाए हैं. यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि विभाग को कई इलाकों में मोबाइल सिग्नल की दिक्कतों की लगातार शिकायतें आ रही थीं. इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने मोबाइल सिग्नल बूस्टर हटाने का अभियान चलाया था.
जानिए बूस्टर का काम क्या होता है
बूस्टर के साथ दो तरह का एंटीना होता है. एक छत पर लगाया जाता है और दूसरा घर के अंदर. ग्रामीण या रिहायशी इलाकों में जहां नेटवर्क की समस्या होती है, वहां लोग ऐसे सिग्नल बूस्टर को अपनी सुविधा के लिए लगा लेते हैं, जो मोबाइल सिग्नल को कैच करता है. बूस्टर से मोबाइल सिग्नल और इंटरनेट स्पीड बढ़ जाती है. वॉयस ब्रेक, नेटवर्क में होने वाली समस्या दूर हो जाती है. लेकिन ऐसे बूस्टर लगाना अवैध है. क्योंकि इससे दूसरों को नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड की समस्या होने लगती है.
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मोबाइल सिग्नल बूस्टर लगाना अवैध है
लेकिन ऐसे बूस्टर लगाना अवैध है. इसकी अनुमति न तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स की ओर से दी जाती है और न ही टेलीकम्युनिकेशन विभाग की ओर से. यदि आपके घर के आस पास मोबाइल सिग्नल बूस्टर लगे हैं, तो कॉल ड्रॉप और नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि कुछ दिक्कत मोबाइल टावरों को हटाने से भी आई है. मोबाइल सिग्नल में आ रही दिक्कतों को लेकर टेलीकॉम ऑपरेटर्स डीओटी से बार-बार शिकायत कर चुके हैं. कंपनियों का कहना है कि सरकारी तंत्र अवैध मोबाइल बूस्टर्स को हटाए ताकि सिग्नल की क्वालिटी सुधर सके.
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