MP News: भोपाल में फर्जी पासपोर्ट का मामला सामने आया है. यहां एक बांग्लादेशी युवक ने भोपाल के फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवा लिया. यह खुलासा केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच में हुआ. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वेरिफिकेशन करने वाले पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया है.
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Madhya Pradesh News: अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और मोनिका बेदी के फर्जी पासपोर्ट केस की तरह भोपाल में फिर ऐसा ही मामला सामने आया है. इस बार बंगलादेशी युवक ने मस्जिद के पते पर पासपोर्ट बनवा लिया, लेकिन युवक का अता पता नहीं है. पुलिस ने बिना तस्दीक किए ही वेरिफिकेशन कर दिया. यह गलती गृह मंत्रालय ने पकड़ी. फर्जीवाड़ा साल 2022 में हुआ था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच में पकड़ आया तो भोपाल पुलिस को जांच के लिए कहा गया. जांच में पता चला के एएसआई ने बिना पते पर जाए ही उसे वेरीफाई कर दिया. अब पुलिस ने एएसआई को तो सस्पेंड कर दिया, लेकिन बांग्लादेशी युवक जिसने पासपोर्ट बनवाया था उसका आज तक अता पता नहीं है.
पते पर गए बिना ही कर दिए वेरिफिकेशन
गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद जांच में पता चला कि बिप्लब पॉल मूलत: बांग्लादेश का रहने वाला है. उसने वर्ष 2022 में पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया था. उसने अपना एड्रेस वसुंधरा बैंक कॉलोनी के पत्ते के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लगाए थे. अक्टूबर 2022 को जहांगीराबाद थाने को पुलिस वेरिफिकेशन आवेदन मिला. ASI शिवनाथ यदुवंशी ने इसका वेरिफिकेशन किया था. इस आधार पर बिप्लब का पासपोर्ट बन गया.
बांग्लादेशी निकला युवक
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच की तो पता चला बंगलादेशी युवक ने पासपोर्ट फर्जी पते पर बनवाया है. एमपी पुलिस को जांच करने के लिए कहा गया. उसी थाने को जिसके ASI ने 2022 में फर्जी वेरिफिकेशन किया था. जहांगीराबाद पुलिस ने जांच की. पासपोर्ट के एड्रेस को चेक किया. मस्जिद निकली उससे भी हैरत की बात तो यह है कि युवक बांग्लादेशी था. भोपाल पुलिस ने वेरिफिकेशन करने वाले को सस्पेंड कर दिया पर पुलिस बांग्लादेशी युवक को नहीं ढूंढ़ पा रही है.
अबू सलेम ने भी भोपाल से ही बनवाया था पासपोर्ट
अंडर वर्ल्ड डॉन अबू सलेम ने भोपाल से ही पासपोर्ट बनवाया था. 16 साल पहले अबू सलेम और मोनिका बेदी के फर्जी पासपोर्ट भोपाल के पत्ते पर ही बने बनाए गए थे. इसमें कोहेफिजा पुलिस ने वेरिफिकेशन किया था. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस घिर गई थी. पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे. उसके बाद में कहा गया कि अब वेरिफिकेशन में सख्ती होगी, लेकिन अब वेरिफिकेशन पर फिर से पुलिस की सवाल उठे.
बोलने से बच रही पुलिस
इस पूरे मामले में पुलिस बोलने से बच रही है. कमिश्नर हरिनारायण चारि मिश्र से लेकर DCP प्रियंका शुक्ला से संपर्क किया पर सब एक दूसरे का कह करके बचते नजर आए.