देश का भविष्य बनाने वाले टीचर्स अब श्मशान घाट पर देंगे ड्यूटी! सरकार के फैसले से शिक्षक संघ नाराज
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देश का भविष्य बनाने वाले टीचर्स अब श्मशान घाट पर देंगे ड्यूटी! सरकार के फैसले से शिक्षक संघ नाराज

शिक्षक संघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

फाइल फोटो.

भोपाल/आकाश द्विवेदीः देश का भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक अब श्मशान घाट में ड्यूटी देंगे. दरअसल धार के मनावर में शिक्षकों की ड्यूटी श्मशान घाट में लगाई गई है. फिलहाल 8 शिक्षकों को श्मशान घाट और स्नान घाट पर तैनात किया गया है. वहीं सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में नाराजगी बताई जा रही है. 

शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी
शिक्षक संघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा है कि रोजाना कोरोना से टीचर्स की मौत हो रही है. ऐसे में श्मशान घाट पर ड्यूटी के दौरान कोई शिक्षक संक्रमण की चपेट में आ जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि उनका भी ध्यान रखा जाए. शिक्षक मजबूरी में श्मशान घाट पर सेवाएं देंगे.  

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा
वहीं श्मशान घाट में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर कांग्रेस भी शिक्षकों के समर्थन में आ गई है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने अपने एक बयान में कहा है कि श्मशान घाट पर शिक्षकों को बिना फ्रंटलाइन वर्कर माने ड्यूटी पर भेजना अमानवीय है. भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की कि सरकार, शिक्षकों को भी कोरोना वारियर्स की सूची में शामिल करे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के शिक्षकों के साथ सरकार का रवैया भेदभावपूर्ण है. अभी तक शिक्षकों की गिनती जानवरों की गिनती में लगाई जाती थी, अब सरकार उनकी ड्यूटी श्मशान घाटों में लगा रही है. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में 400 से अधिक शिक्षकों की मौत कोरोना के चलते हो चुकी है. ऐसे में श्मशान घाट में उनकी ड्यूटी लगाने के कारण उन्हें कोरोना वारियर्स घोषित किया जाना चाहिए. सरकार को इस पर तत्काल फैसला लेना चाहिए.

  

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