Ram Mandir Ayodhya: भगवान विष्णु के 7वें अवतार राम, क्यों कहलाते हैं मर्यादा पुरूषोत्तम
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Ram Mandir Ayodhya: भगवान विष्णु के 7वें अवतार राम, क्यों कहलाते हैं मर्यादा पुरूषोत्तम

Ram Avtar: अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन गया है. मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा भी संपन्न हो गई है. भगवान राम विष्णु के 7वें अवतार थे. राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है.

Ram Mandir Ayodhya: भगवान विष्णु के 7वें अवतार राम, क्यों कहलाते हैं मर्यादा पुरूषोत्तम

Vishnu Avatar: अयोध्या में राजा राम का मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा हो गया है. भगवान राम विष्णु के अवतार कहे जाते हैं. इनका चरित्र का वर्णन रामचरित मानस में बहुत ही सरल भाषा में लिखा गया है. भगवान राम 10 अवतारों में भगवान विष्णु का 7 वां अवतार माने जाते हैं.

सूर्य के वंशज
रामजी का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी. भगवान राम को इसलिए सूर्यवंशी भी कहा जाता है.

सबसे पुराने मानव रूप में देवता
प्रभु राम को मानव रूप में अवतरित होने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है. इनका जन्म त्रेता युग में हुआ था.  

भगवान विष्णु का 394 वां नाम
विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों की चर्चा की गई है. इस सूची में,राम, भगवान विष्णु का 394 वां नाम है.

भगवान राम का नामकरण
भगवान राम का नाम महर्षि वशिष्ठ द्वारा रखा गया. यह नाम मन, शरीर और आत्मा को शक्ति प्रदान करते हैं.

युद्ध में भगवान राम को हराया
ऋषि विक्रमादित्य के आदेश पर भगवान राम काशी के राजा को मारने आए थे. युद्ध में काशी के राजा की मदद करने के लिए, हनुमान ने भगवान राम का पाठ करना शुरू किया. भगवान राम के बाणों का हनुमान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और भगवान राम को अपनी हार माननी पड़ी थी.

राम सेतु का निर्माण और उसकी लंबाई
रामसेतु को वानरों की सेना द्वारा निर्माण किया गया था, जो तमिलनाडु के रामेश्वरम से श्रीलंका के मन्नार तक थी. इस पुल की लंबाई लगभग 30 किमी थी और इसे 6 दिनों में बनाया गया था.

राम राज्य
रामजी ने ग्यारह हजार वर्षों तक अयोध्या पर शासन किया था. इस स्वर्ण काल को राम राज्य के रूप में जाना जाता है.

भगवान राम का समाधि लेना
ऐसा कहा जाता है कि जब मां सीता ने पृथ्वी में समा जाने के बाद अपना शरीर त्याग किया था, तब श्री राम ने सरयू नदी में जल समाधि लेने के बाद पृथ्वी को त्याग दिया था.

भगवान राम ने हमारे लिए सही रास्ते पर चलने के आदर्श प्रस्तुत किए हैं. हमें जीवन में भगवान राम के महान आदर्शों और उनके आचरण को अपनाना चाहिए.

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