सीधी: सीधी बस हादसे में बाणसागर नहर में बहे कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (22) का शव 125 घंटे बाद बरामद कर​ लिया गया है. इसके साथ ही अब रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. बस में ड्राइवर समेत कुल 61 यात्री सवार थे, इनमें 7 जिंदा बचे, 54 की मौत हो गई. जीवित बचने वालों में बस ड्राइवर बालेंद विश्वकर्मा भी शामिल है. 


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अब रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है
शनिवार को एक बार फिर रेस्क्यू टीम ने टनल में प्रवेश किया. इससे पहले गुरुवार को भी टीम ने टनल में सर्चिंग अभियान चलाया था. अरविंद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था. पहले हादसे का जख्म और अब लापता  होने का दर्द परिवार वालों पर भारी पड़ रहा था. आखिरकार वह मृत ही मिला. अब NDRF और SDRF की टीमों ने सर्चिंग ऑपरेशन बंद कर दिया है.


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एनडीआरफ टीम के अधिकारी मिथलेश के मुताबिक टनल में शुक्रवार को टनल में पानी के प्रेशर के बाद जहां 2 युवकों के शव मिले थे वहीं अरविंद की तलाश जारी थी. शनिवार को 4 किमी के इस टनल में अरविंद का शव बरामद हुआ. वह बोदरहवा सिहावल निवासी अपनी बुआ की बेटी को एएनएम की परीक्षा दिलाने के लिए बस में सवार हुआ था. हादसे में यशोदा की भी माैत हो चुकी है. उसका शव 16 फरवरी को ही मिल गया था. 


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चार भाइयों में सबसे बड़ा था अरविंद
पिता विश्वनाथ और मां आशा विश्वकर्मा की 4 संतानों में अरविंद सबसे बड़ा था. पिता खड़वा में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं. अरविंद सीधी में कंप्यूटर का ऑनलाइन काम करता था. उससे छोटे तीन भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं. परिवार बीते 5 दिनों से बघवार से छुहिया टनल तक इस उम्मीद में आता रहा कि शायद अरविंद जीवित मिल जाए. लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी और बेटे का शव वापस लेकर जाना पड़ा. उसकी इसी साल शादी होनी थी. 


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16 फरवरी को हुआ था दर्दनाक हादसा
सीधी से जबलनाथ परिहार की 32 सीटर बस एमपी 19 पी 1882 16 फरवरी को सुबह 5 बजे के करीब सतना के लिए रवाना हुई थी. बस में ड्राइवर समेत सीधी, सिंगरौली जिले के कुल 61 यात्री सवार थे. इनमें अधिकतर  छात्र और छात्राएं थीं. छात्र रेलवे तो छात्राएं एएनएम की परीक्षा देने सतना जा रही थीं. छुहिया घाटी में लगे जाम के चलते बस ड्राइवर ने बघवार से जिगिना कैनाल रूट ले लिया था. इसी बीच लगभग 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में बस पलट गई, जिसमें 54 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.


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