इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. दिव्येश वर्मा से बात की गई तो उन्होंने घटना को स्वीकारा किया. उनका कहना है कि गार्ड को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था.
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खरगोन: खरगोन के जिला अस्पताल से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है. यहां के गार्ड ने इलाज के लिए आई एक महिला को करीब 300 मीटर तक घसीटते हुए सड़क पर लाकर छोड़ दिया. घटना गुरुवार शाम की बताई जा रही है, उस समय बारिश हो रही थी. इस घटना ने सोशल मीडिया में तूल पकड़ लिया है. जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. दिव्येश वर्मा ने गार्ड को हटाने का आदेश जारी कर दिया है.
महिला अस्पताल के अंदर जा रही थी. वहां के गार्ड ने महिला को बाहर जाने को कहा, लेकिन महिला ने इनकार कर दिया. इसके बाद गार्ड ने महिला को बेरहमी से जमीन पर 300 मीटर तक घसीटते हुए अस्पताल परिसर से बाहर ले जाकर सड़क पर छोड़ दिया. इस दौरान वहां मौजूद लोग सिर्फ चश्मदीद बने रहे, किसी ने गार्ड को ऐसा करने से पहीं रोका.
इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. दिव्येश वर्मा से बात की गई तो उन्होंने घटना को स्वीकारा किया. उनका कहना है कि गार्ड को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था. सिविल सर्जन के मुताबिक महिला विक्षिप्त है, वह कोविड सेंटर इलाके में पत्थर चला रही थी. नर्स व डयूटी डॉक्टर ने गार्ड से महिला को अस्पताल परिसर से बाहर करने के लिए कहा था. महिला जाने को तैयार नहीं थी, इसलिए गार्ड को जबरदस्ती उसे बाहर ले जाना पड़ा.
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विक्षिप्त महिला की तलाश की जा रही है. पुलिस को भी इस घटना की सूचना दी गई है. सिविल सर्जन का कहना है कि महिला मानसिक रोगी है, उसे इलाज के लिए इंदौर भेज दिया गया है. नियम के मुताबिक किसी महिला से डील करने के लिए अस्पताल में महिला गार्ड होनी चाहिए. यह बात सामने आई है कि जिला अस्पताल में कोई महिला गार्ड नहीं है. अगर महिला मानसिक रोगी है या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है तो इसकी जानकारी बडे़ डॉक्टरों को देनी चाहिए थी.
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