नई दिल्ली: हमारे देश की ज्यादातर महिलाएं अपनी सेहत को लेकर लापरवाह होती है. चाहें नौकरी पेशे वाली महिला हो या घरेलू महिला हो, दोनों ही अपनी डाइट को लेकर बेफिक्र होती है. लेकिन महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. खासकर अगर वह गर्भवती हैं. क्योंकि उनके खान-पान का सीधा असर उनके अंदर पल रहे बच्चे और उसकी सेहत पर पड़ता है.


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गर्भावस्था के दौरान अगर खान-पान पर ध्यान ना दिया जाए तो इसका बुरा असर बच्चे पर पड़ सकता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है. जिसके कारण उनका बच्चा जन्मजात मोटापे का शिकार हो सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है, उनके बच्चे की कमर पर मोटापा चढ़ने, उनकी कमर चौड़ी होने या छह साल की उम्र में मोटा होने की संभावना अधिक होती है.


हृदय रोग, कैंसर, मल्टीपल स्केलेरोसिस का भी होता है खतरा
विटामिन-डी की कमी से हृदय रोग, कैंसर, मल्टीपल स्केलेरोसिस और टाइप 1 मधुमेह के खतरे से जोड़ कर देखा जाता है. हमारे शरीर में उत्पादित विटामिन-डी का लगभग 95 प्रतिशत धूप से आता है. शेष पांच प्रतिशत अंडे, वसा वाली मछली, फिश लिवर ऑयल, दूध, पनीर, दही और अनाज जैसे खाद्य पदार्थो से मिलता है.


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66% महिलाएं में होती है विटामिन-डी की कमी
एक शोध में पाया गया कि लगभग 66 फीसदी महिलाएं अपनी गर्भावस्था में तीन महीने के बाद विटामिन-डी की कमी से जूझ रहीं थी. इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में विटामिन-डी की खुराक लेते रहना भावी पीढ़ियों को ठीक रखने का अच्छा उपाय है.


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