इंदौर: शहर में महिलाओं की गुमशुदगी की जांच करते हुए इंदौर पुलिस ने आंध्रप्रदेश की एक महिला को अपने बिछड़े परिजनों से मिलवा दिया. इस महिला का नाम धनलक्ष्मी है, जो सड़क किनारे भीख मांग कर गुजारा कर रही थी. तुकोंगज पुलिस की नजर जब मालवा मिल चौराहे के पास बैठी इस महिला पर पड़ी तो उन्हें लग गया था कि यह कहीं बाहर की रहने वाली है. पुलिस वालों ने महिला से करीब आधा घंटे बात की, लेकिन वह तेलुगू में बात कर रही थी, जिससे उसकी कोई बात पुलिस को समझ नहीं आई.


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कागज पर लिख कर दिया नंबर
अपना गृहराज्य बताने के बाद पुलिस वाले उन्हें थाने ले आए. थाने में आकर जब महिला को अपने परिजनों को फोन कॉल करने को कहा तो वह हर बार एक डिजिट कम डायल कर रही थी, जिसके बाद महिला को कागज पेन दिया तो उसने अपने भाई का नंबर लिखा. जिसके बाद भाई से पुलिस ने संपर्क किया. पुलिस ने छोटे भाई से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि वेयरवल्ली थाने में उन्होंने गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी. 


महिला के लिए बुलवाया गया था अनुवादक
पुलिस को महिला से बात करने में काफी दिक्कत आ रही थी. जिस वजह से पुलिस ने एक अनुवादक भी बुलाया था. महिला से उसकी भाषा में पूछताछ करने के दौरान पता चला था कि उसका नाम धनलक्ष्मी पिता गंज कुंदा रामना तथा पति का नाम कुंदन बताया. उसने कहा कि उसके पति ने किसी दूसरी महिला को रख लिया , जिस कारण वह घर से निकल गई. हालांकि यह भी पता चला है कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.


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1200 किमी का सफर करके भाई आया
महिला के भाई को जब उसकी बहन की खबर लगी तो वह तुरंत इंदौर के लिए निकला. करीब 16 घंटे के सफर के बाद परिवार आंध्र से 1200 किमी दूर इंदौर पहुंचा. जहां महिला को शुक्रवार को उनके सुपुर्द कर दिया गया. परिजनों का कहना है कि पुलिस की सजकता से हमें हमारी बेटी फिर मिल गई.