World Forest Day: जमानत और गन लाइसेंस की चाहत ने MP की इस उजाड़ पहाड़ी को किया हराभरा
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World Forest Day: जमानत और गन लाइसेंस की चाहत ने MP की इस उजाड़ पहाड़ी को किया हराभरा

अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के मौके पर हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें न्यायालय और प्रशासन की अनूठी पहल से ग्वालियर शहर के बीचोंबीच स्थित शारदा बालग्राम की पहाड़ी ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है.

शारदा बिलग्राम, ग्वालियर.

ग्वालियर: वन पृ​थ्वी ग्रह के पारिस्थितिकी (Ecosystem) तंत्र का अहम हिस्सा हैं. वनों के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 21 मार्च को विश्व भर में ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ (International Day of Forests) के तौर पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर 2012 को प्रतिवर्ष 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया था. इस वर्ष ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ की थीम ‘फॉरेस्ट रेस्ट्रोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल बीइंग’ है. हर साल थीम अलग होती है.

अंतरराष्ट्रीय वन दिवस पर मध्य प्रदेश की एक प्रेरक कहानी
इस मौके पर हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें न्यायालय और प्रशासन की अनूठी पहल से ग्वालियर शहर के बीचोंबीच स्थित शारदा बालग्राम की पहाड़ी ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है. कुछ साल पहले तक यह पहाड़ी उजाड़ और बंजर हुआ करती थी. लेकिन आज यहां हरियाली ही हरियाली है. और यह संभव हुआ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायाधीशों की एक अनोखे पहल से. न्यायधीशों ने आरोपितों के सामने (गंभीर अपराध वाले नहीं) जमानत के बदले इस पहाड़ी पर पौधे लगाने और छह माह तक उनकी देखरेख की शर्त रखी.

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न्यायाधीशों ने जमानत देने के बदले पौधे रोपने की शर्त रखी
साल 2016 में हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में किसी वकील ने त्रुटिपूर्ण याचिका दायर की थी. इससे नाराज न्यायाधीश आनंद पाठक ने वकील को शारदा बालग्राम की पहाड़ी पर 10 पौधे लगाने और उसकी देखभाल करने का आदेश दिया. वकील ने अदालत के आदेश का पालन किया. पौधे लगाए और उनकी देखभाल की. हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों को इससे एक आइडिया सूझा. उन्होंने जमानत के मामलों में शारदा बलग्राम की पहाड़ी पर पौधे रोपने को अनिवार्य शर्त के रूप में जोड़ दिया. पौधे नष्ट होने पर जमानत रद्द होने की शर्त भी रखी गई. धीरे-धीरे इस पहाड़ी पर पौधे रोपे जाने लगे और उनकी देखभाल की जाने लगी.

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प्रशासन ने कहा- हथियार लाइसेंस चाहिए तो पौधे रोपने पड़ेंगे
न्यायाधीशों की इस पहल से प्रभावित होकर जिला प्रशासन ने भी शारदा बालग्राम की पहाड़ी में पौधे रोपने का अभियान चलाया. ग्वालियर प्रशासन ने तत्काल कलेक्टर अनुराग चौधरी के आदेश पर हथियार का लाइसेंस पाने के लिए यहां पौधे रोपने को अनिवार्य शर्त के रूप में जोड़ दिया. जब तक आवेदक पौधे लगाते हुए अपनी फोटो आवेदन के साथ नत्थी नहीं करता, तब तक उसे स्वीकार नहीं किया जाता. अब आलम यह है कि जहां कुछ वर्ष पहले तक लोग आने से कतराते थे, चारों तरह उजाड़ और बंजर दिखाई पड़ता था, वह स्थान आज शहरवासियों के लिए सुबह की सैर का सबसे पसंदीदा स्थान है.

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करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है शारदा बालग्राम की पहाड़ी
करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली शारदा बालग्राम की पहाड़ी पर अब आम, नीम, शीशम, आंवला, अमरूद और जामुन के पौधे पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं. ग्वालियर वासियों को शुद्ध प्राणवायु दे रहे हैं. सुबह और शाम लोग शारदा बालग्राम की पहाड़ियों में घूमने आते हैं, योग-व्यायाम करते हैं. पिकनिक करते हैं. शहर की सामाजिक संस्थाएं भी यहां पौधरोपण करने आती हैं. इनकी देखभाल यहां सुबह की सैर के लिए आने वाले लोग करने लगे हैं. पौधों को पानी देने के लिए पहाड़ी पर पानी की टंकी बनाई गई है. इस तरह न्यायालय और प्रशासन की पहल ने एक उजाड़ और बंजर पहाड़ को हराभरा बना दिया है.

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