World Tribal Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है; झारखंड में तेजी से घट रही जनजातीय आबादी!
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World Tribal Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है; झारखंड में तेजी से घट रही जनजातीय आबादी!

मध्य प्रदेश में 46 आदिवासी जनजातियां (Tribals) निवास करती हैं. एमपी की कुल जनसंख्या के 21 फीसदी लोग आदिवासी समुदाय के हैं. आदिवासी लोगों की सबसे ज्यादा जनसंख्या भी मध्य प्रदेश में ही पाई जाती है.

फाइल फोटो.

नई दिल्लीः दुनियाभर में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों की संस्कृति, भाषा और अस्तित्व को बचाने के लिए हर साल 9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस (World Tribal Day 2021) मनाया जाता है. बता दें कि दुनिया में कुल आदिवासियों की संख्या करीब 37 करोड़ है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. आदिवासी समुदाय के लोग आज भी समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं हुए हैं, जिसके चलते ये आज भी काफी पिछड़े हुए हैं. हालांकि विभिन्न सरकारों और संगठनों द्वारा आदिवासियों के उत्थान के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश की पहचान है इसकी आदिवासी संस्कृति
मध्य प्रदेश की संस्कृति में इसकी आदिवासी संस्कृति भी बेहद अहम है. बता दें कि राज्य में 46 आदिवासी जनजातियां निवास करती हैं. एमपी की कुल जनसंख्या के 21 फीसदी लोग आदिवासी समुदाय के हैं. आदिवासी लोगों की सबसे ज्यादा जनसंख्या भी मध्य प्रदेश में ही पाई जाती है. यहां गोंड, भील और ओरोन, कोरकू, सहरिया और बैगा जनजाति के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. गोंड एशिया का सबसे बड़ा आदिवासी ग्रुप है, जिनकी संख्या 30 लाख से अधिक है. मध्य प्रदेश के अलावा गोंड जनजाति के लोग महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी निवास करते हैं. 

झारखंड प्रमुख राज्य
भारत के झारखंड राज्य में 26 फीसदी आबादी आदिवासी है. झारखंड में 32 आदिवासी जनजातियां रहती हैं, जिनमें बिरहोर, पहाड़िया, माल पहाड़िया, कोरबा, बिरजिया, असुर, सबर, खड़िया और बिरजिया जनजाति समूह हैं.  देश की आजादी के समय झारखंड में आदिवासी जनजाति के लोगों की संख्या 35 फीसदी के करीब थी, जो कि 2011 की जनगणना के अनुसार, 26 फीसदी रह गई है. 

यूएन में होंगे कई कार्यक्रम
आज अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में आदिवासी संगठन के लोग सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. इस दौरान आदिवासियों की मौजूदा स्थिति और भविष्य की चुनौतियों को लेकर चर्चा होती है. इस साल के विश्व आदिवासी दिवस की थीम है "किसी को पीछे नहीं छोड़नाः स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान".

साल 1994 में अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस की शुरुआत हुई थी. दरअसल अमेरिका में पहली बार साल 1994 में आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसके बाद से हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन किया जाता है. 

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