रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भूपेश बघेल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के एक ट्वीट ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है. टीएस सिंहदेव के इस ट्वीट के बाद सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या वह 2018 विधानसभा चुनाव के वक्त जारी कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में किए गए वादे अबतक पूरे नहीं होने से अपनी ही सरकार से नाराज हैं?


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टीएस सिंह सिंहदेव के इस ट्वीट के बाद जैसे बीजेपी को बैठे-बिठाए सरकार पर निशाना साधने के मौका मिल गया हो. बीजेपी प्रवक्ता नरेश गुप्ता का कहना है कि सिंहदेव ने अपने ट्वीट के जरिए बीजेपी के आरोपों को पुष्ट किया है. सरकार हर मोर्चे पर फेल है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला बचाव करते हुए बीजेपी पर ट्वीट के गलत मतलब निकालने का आरोप लगा रहे हैं.



अगर ऐसा है तो दु:खी और शर्मिंदा होने के बजाय क्या सिंहदेव को युवाओं से किए वादे पूरे कराने के लिए सरकार स्तर अपने सहयोगियों के साथ एक राय नहीं बनानी चाहिए? या एक राय बनाने की कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं? सवाल कई हैं! दरअसल, 2018 में कांग्रेस के तात्कालिक अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनघोषणा पत्र बनाने का जिम्मा टीएस सिंहदेव की ही सौंपा था.


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सिंहदेव ने प्रदेश भर का दौरा कर अलग-अलग वर्ग के लोगों से सुझाव लिया था और लोकलुभावन घोषणा पत्र के आधार पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा. कांग्रेस के घोषणा पत्र में एक वादा युवाओं को नौकरी या बेरोजगारी भत्ता देने का भी था. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सत्ता में आए डेढ़ साल का वक्त बीत चुका है लेकिन अब तक इस वादे पर अमल नहीं हो पाया है.


इस बीच बीते सोमवार को एक युवक ने सीएम हाउस के सामने आग लगाकर जान देने की कोशिश की और मंगलवार को टीएस सिंहदेव का इस तरह का ट्वीट कई सियासी मायनों की ओर इशारा करने वाला है.


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