आमतौर पर तलाक होने या अलग होने के बाद पत्नियों के भरण-पोषण भत्ते मांगने के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन भोपाल में अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें पति ने अपनी सरकारी अधिकारी पत्नी से भरण-पोषण के लिए राशि मांगी है.
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प्रमोद शर्मा/ भोपाल : आमतौर पर तलाक होने या अलग होने के बाद पत्नियों के भरण-पोषण भत्ते मांगने के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन भोपाल में अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें पति ने अपनी सरकारी अधिकारी पत्नी से भरण-पोषण के लिए राशि मांगी है बेरोजगार पति की फिजूलखर्ची को देखते हुए पत्नी ने अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करा दिया.
फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी के अनुसार पति-पत्नी के बीच विवाद की वजह बच्चा है. अधिकारी पत्नी मां बनना चाहती है पर पति ने सहयोग नहीं किया. इससे परेशान पत्नी ने फैमली कोर्ट काउंसलर की मदद ली. इसके बाद पति ने भी पत्नी के खिलाफ भरण-पोषण राशि देने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
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फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने कहा कि शादी के 6 साल बीत जाने के बाद भी अधिकारी पत्नी मां नहीं बन पाई. डॉक्टरों ने महिला को सलाह दी है कि उम्र बढ़ने के साथ मां बनने में परेशानी हो सकती है. इसीलिए उसने आईवीएफ तकनीक पर विचार किया, लेकिन तब भी पति ने सहयोग नहीं किया. पति ने साफ कहा कि बच्चे पैदा करने के बाद पत्नी उस पर पैसे कमाने के लिए दबाब बनाएगी, इसलिए वो ऐसा नहीं करना चाहता.
6 साल पहले महिला अधिकारी ने युवक से प्रेम विवाह किया था. पति का कहना है कि उसने पैसे के लिए शादी की थी. लेकिन अगर घर में बच्चा आता है, तो पत्नी उसे पैसे नहीं देगी. काउंसलिंग में पति ने कहा कि अगर मैं नौकरी करता और पत्नी भरण-पोषण भत्ता मांगती तो मुझे देना पड़ता तो फिर पत्नी मुझे क्यों नहीं दे सकती.
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