बड़वानीः देशभर के किसान पिछले 23 दिनों से राजधानी दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि सुधार कानून किसान विरोधी है. किसानों के इस विरोध का असर मध्य प्रदेश में बड़वानी जिले के किसानों को झेलना पड़ रहा है.


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मवेशियों को खिलानी पड़ रहीं सब्जियां
जिले के किसानों को कहना है कि इस आंदोलन ने उनकी कमर तोड़ के रख दी है. आंदोलन के चलते सब्जियां जिले के बाहर नहीं जा पा रही है. मजबूरी में उन्हें सब्जियां मवेशियों को ही खिलानी पड़ रही है.


लोकल में नहीं मिल रहा भाव
जिले में इन दिनों टमाटर, गोभी व अन्य सब्जियां पक कर मार्केट में आ गई है. किसान दीपक कुश्वाह का कहना है कि आंदोलन के चलते सब्जियां मंडियों तक नहीं जा पा रही है. यहां लोकल में बेचने पर उतना भाव नहीं मिल पाता है, जितना बाहर की मंडियों में मिलता है.


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व्यापारी भी परेशान
एक ओर किसानों की समस्या, दूसरी ओर व्यापारी कहते हैं कि सब्जियां खरीद भी लें तो उन्हें भेजें कहां? आंदोलन के कारण सब कुछ थमा हुआ है. लोकल में भाव नहीं तो गाड़ियों में भरकर सब्जियां पशुओं को ही खिलानी पड़ रही है. यहां के मार्केट में तो वैसे भी कोई खरीददार नहीं है.


कानून रद्द करने की मांग
दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए तीन नए कृषि सुधार कानूनों को रद्द कर दिया जाए. तभी वे अपना आंदोलन खत्म कर दिल्ली से हटेंगे. बीते 8 दिसंबर को किसानों ने देशव्यापी भारत बंद भी किया था.  


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