नई दिल्‍ली/मुंबई : महाराष्ट्र के तीन जिले कोल्हापुर, सांगली, और सतारा बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. तीनों जिलों के साथ ही सोलापुर और पुणे जिले में भी बाढ़ का असर देखा जा रहा है. इन पांचों जिलों से अभी तक लगभग सवा लाख लोगों को सुरक्षित जगह स्‍थानांतरित किया गया है. एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुचाने में जुटे हुए हैं.


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कर्नाटक सरकार जब तक अलमट्टी डैम से पानी छोड़ने का सिलसिला बंद नहीं करती, तब तक कृष्णा, वारणा और पंचगंगा नदी के जलस्तर मे कोई कमी नहीं अएगी. इस बाबत महाराष्ट्र सरकार की तरफ से भी कर्नाटक सरकार को अलमट्टी डैम के संबंध में अनुरोध किया गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है. 


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बाढ की स्थिति के चलते महाराष्ट्र के दूध भंडार माने जाने वाले ये तीन जिले खासकर कोल्हापुर से मुंबई, पुणे आने वाले दूध की आपूर्ती पर भी बडा असर पड़ा है. गोकुल दूध संघ ने दूध लेना बंद रखा है और वारणा और अन्य स्थानीय दूध संघ भी दूध की आपूर्ति मुंबई तक नहीं कर पा रहे हैं.


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पुणे-बैंगलौर हाईवे पर लगभग छह फीट पानी जमा है. उधर कोल्हापुर जिले के राधानगरी डैम के 6 दरवाजे भी कल खोल दिए गए. इसके कारण जिले के अंधरूनी इलाके में भी बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है.