मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव ने लेखिका शोभा डे को नोटिस भेजकर कहा है कि वह मल्टीप्लेक्सों में प्राइम टाइम में मराठी फिल्म दिखाया जाना अनिवार्य किए जाने के राज्य सरकार के फैसले पर किए गए अपने ट्वीटों पर स्पष्टीकरण दें।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विधानसभा के प्रधान सचिव अनंत कलसे ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मैंने अध्यक्ष की ओर से उन्हें नोटिस भेजा है और एक हफ्ते में उनसे पक्ष रखने को कहा है।’ उन्होंने बताया कि नोटिस दो दिन पहले जारी किया गया। इसे स्वीकार कर लिया गया है और शोभा से स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।


शुक्रवार को समाप्त हुए बजट सत्र के दौरान शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने सरकार के फैसले पर शोभा के ट्वीट के बाद उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस दिया था।


उपन्यासकार ने ट्वीट किया था, ‘देवेंद्र डिक्टेटवाला फडणवीस फिर से..गोमांस से फिल्मों तक। यह वह महाराष्ट्र नहीं रहा जिससे हम सब प्यार करते हैं । नाको, नाको। ये सब रोको।’


शोभा ने ट्वीट में लिखा था कि यह कुछ और नहीं, बल्कि दादागीरी है। ‘मैं मराठी फिल्मों से प्यार करती हूं। मुझे फैसला करने दीजिए कि मैं कहां और कब उन्हें देखूं, देवेंद्र फडणवीस। यह कुछ और नहीं, बल्कि दादागीरी है।’ ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए सरनाईक ‘मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मराठी भाषी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के लिए शोभा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए थे।


इस पर शोभा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया था, ‘अब विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव में मुझसे माफी मांगने को कहा गया है ? आइये । मुझे महाराष्ट्र से होने का गर्व है और मराठी फिल्मों से प्यार करती हूं। हमेशा किया है । हमेशा करूंगी।’ शिवसेना के क्षुब्ध कार्यकर्ताओं ने शोभा की टिप्पणियों के खिलाफ दक्षिणी मुंबई स्थित उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया था।