19 महीने से भड़की हिंसा अब तक अनसुलझी... मणिपुर हिंसा पर सरकार से RSS ने की ये मांग
Manipur Violence News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मणिपुर में तीन मई 2023 से शुरू हुई 19 महीने पुरानी हिंसा की स्थिति अभी तक अनसुलझी है. केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि वे टकराव की इस स्थिति का `गंभीरतापूवर्क` समाधान करें.
RSS on Manipur Violence: मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के बाद कई इलाकों में हालात काफी खराब हो गए हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की. इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी मणिपुर में हुई ताजा हिंसा की निंदा की है. इसके साथ ही आरएसएस ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि वे टकराव की इस स्थिति का 'गंभीरतापूवर्क' समाधान करें.
19 महीने से भड़की हिंसा अब तक अनसुलझी
आरएसएस (RSS) की मणिपुर इकाई ने एक बयान में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मणिपुर में तीन मई 2023 से शुरू हुई 19 महीने पुरानी हिंसा की स्थिति अभी तक अनसुलझी है. जारी हिंसा के कारण निर्दोष लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है." बयान में कहा गया है कि आरएसएस मणिपुर प्रांत महिलाओं और बच्चों की हत्या के 'अमानवीय, क्रूर और निर्दयी' कृत्यों की कड़ी निंदा करता है. इसमें कहा गया है, 'यह कृत्य कायरतापूर्ण है और मानवता तथा सह-अस्तित्व के सिद्धांतों के विरुद्ध है. केंद्र और राज्य सरकार को जारी संघर्ष का गंभीरतापूर्वक यथाशीघ्र समाधान करना चाहिए.'
जिरीबाम गोलीबारी की जांच के लिए समिति गठित
इस बीच मणिपुर सरकार ने हिंसा के बीच जिरीबाम जिले में गोलीबारी की घटना के कारणों की जांच के लिए दो-सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है. इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया. जिरीबाम के बाबूपारा इलाके में रविवार रात को संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया.
पुलिस यह पुष्टि नहीं कर पाई कि गोलीबारी किसने की, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि गोलीबारी सुरक्षा बलों की ओर से की गई. गृह विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, समिति की अध्यक्षता पुलिस महानिरीक्षक (खुफिया) के. कबीब करेंगे, और पुलिस उपमहानिरीक्षक (तृतीय रेंज) निंगसेन वोरंगम इसके सदस्य होंगे. इसमें कहा गया है कि समिति घटना के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि क्या अधिकारियों सहित किसी व्यक्ति की ओर से कोई गड़बड़ी थी. समिति को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.
कुकी समूह के लोग निकालेंगे ताबूत रैली
मणिपुर के कुकी संगठनों के एक मंच ने कहा कि जिरीबाम जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के साथ कथित गोलीबारी में मारे गए 10 कुकी-जो युवकों के प्रति श्रद्धांजलि और एकजुटता प्रकट करने के लिए वे मंगलवार को चुराचांदपुर में एक ‘ताबूत रैली’ निकालेंगे. जोमी छात्र संघ (जेडएसएफ), कुकी छात्र संगठन (केएसओ) और हमार छात्र संघ (एचएसए) ने एक ‘संयुक्त सार्वजनिक नोटिस’ में विद्यालयों और महाविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे कक्षा 10वीं से ऊपर के विद्यार्थियों को काली शर्ट पहनकर इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भेजें. आयोजकों में से एक ने बताया कि वे मारे गए युवकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 10 ‘डमी’ ताबूत ले जाएंगे, क्योंकि मारे गए युवकों के शव अब भी स्थानीय अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं.
असम के सिलचर के एक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद शव शनिवार को दोपहर कुकी बहुल जिले चुराचांदपुर लाए गए. मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के प्रमुख संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने रविवार को फैसला किया कि मारे गए 10 युवकों की अंत्येष्टि तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिवारों को सौंप नहीं दी जाती. मणिपुर पुलिस ने 11 नवंबर को दावा किया कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए. यह मुठभेड़ छद्म वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा बोरोबेकरा पुलिस थाना और जिरीबाम जिले के जकुराधोर स्थित सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी के बाद हुई.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)