Manipur News: मणिपुर में फिर हिंसा भड़कने की आशंका, सरकार ने इन 5 जिलों में लगा दिया कर्फ्यू
Manipur Latest Updates: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. अब एक संगठन के विष्णुपुर चलने के आह्वान को देखते हुए इंफाल घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
Manipur Latest News: मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. अब कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रेशन (COCOMI) और उसकी महिला शाखा ने मैतेई बहुल विष्णुपुर जिले में चलने का आह्वान किया है. COCOMI विष्णुपुर और चुराचांदपुर जिले के बीच बफर जोन का काम कर रही आर्मी की पोस्ट को हटाने की मांग कर रहा है. संगठन ने मैतेई समुदाय से आर्मी की पोस्ट को हटवाने के लिए विष्णुपुर जिले चलने का आह्वान किया है, जिसके बाद इंफाल घाटी में आने सभी 5 जिलों में मंगलवार से ऐहतियातन कर्फ्यू लागू कर दिया गया.
संगठन ने किया विष्णुपुर चलने का आह्वान
पुलिस के मुताबिक COCOMI ने घाटी के सभी हिस्सों में रहने वाले लोगों से बुधवार को विष्णुपुर जिले (Manipur Latest Updates) में पहुंचने का आह्वान किया था. संगठन ने लोगों से अपील की थी कि वे चुराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड को हटाने के लिए एकजुट हों. इस बैरिकेड के हटने से मैतेई और कुकी समुदाय के आमने-सामने का खतरा था, जिससे दोनों में हिंसा फिर भड़क सकती थी.
इंफाल घाटी में लगाया गया कर्फ्यू
अधिकारियों ने बताया कि कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रेशन (COCOMI) के आह्वान को देखते हुए इंफाल घाटी (Manipur Latest Updates) में आने वाले बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू में छूट के घंटों को रद्द किया गया है. इसके साथ ही घाटी के सभी पांच जिलों में रोजाना सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में छूट दी गई है. प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन ने हालात बिगड़ने से बचाने के लिए संगठन को अपनी प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील की है.
मणिपुर में क्यों भड़की हुई है आग?
बताते चलें कि मणिपुर (Manipur Latest Updates) में मैतेई, कुकी और नगा समुदाय के लोग रहते हैं. इनमें से मैतेई की आबादी करीब 55 प्रतिशत है और वे इंफाल घाटी में रहते हैं. यह मणिपुर का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा है. आबादी बढ़ने की वजह से वे आसपास पहाड़ी जिलों में बसना चाहते हैं लेकिन कुकी और नगा ऐसा नहीं चाहते. उनका कहना है कि पहाड़ी इलाकों में केवल कुकी और नगा आदिवासी बस सकते हैं. वहीं मैतेई समुदाय की मांग है कि वर्ष 1947 में उनसे छीना गया आदिवासी का दर्जा वापस मिलना चाहिए, जिससे वे भी मणिपुर में किसी भी जगह पर घर खरीदकर नहीं रह सकते.
(एजेंसी भाषा)