Manipur Violence Updates: मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के 6 महीने बाद भी हालात सामान्य नहीं बन पा रहे हैं. रह-रहकर वहां पर हिंसा भड़क जाती है, जिससे हालात फिर से खराब हो जाते हैं. ऐसी ही घटना वहां पर मंगलवार को दोबारा हो गई. तेंगनौपाल जिले के मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने एक उपमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना का पता चलने के बाद पुलिस ने हमलावरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया लेकिन वे घने जंगलों में फरार हो गए. 


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घात लगाए बैठे उग्रवादियों ने बरसाई गोलियां


पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मोरेह में तैनात SDPO चिंगथम आनंद कुकी-ज़ो समुदाय की बहुलता वाले सीमावर्ती शहर के पूर्वी मैदान में नवनिर्मित हेलीपैड के निरीक्षण के लिए गए हुए थे. तभी घात लगाए बैठे उग्रवादियों (Manipur Violence Updates) के एक समूह ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी. घटना के तुरंत बाद एसडीपीओ को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घटना के बाद सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है. 


मणिपुर पुलिस को हटाने की क्यों हो रही मांग?


मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence Updates) की यह घटना तब सामने आई है, जब मोरेह में रहने वाले कुकी संगठनों के नेता इस सीमावर्ती शहर से सुरक्षाकर्मियों को हटाने की मांग कर रहे हैं. असल में मणिपुर पुलिस इस क्षेत्र से पलायन कर चुके मेइती समुदाय के घरों से चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चला रही है. पुलिस ने 21 अक्टूबर को मेइती समुदाय के खाली पड़े घरों से पिछले कुछ दिनों में फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान चुराने के आरोप में म्यांमार के 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए सभी आरोपी कुकी-जो समुदाय से जुड़े हैं.


'उग्रवादियों के आगे नहीं झुकेगी सरकार'


मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. 21 अक्टूबर को म्यांमा के तीन लोगों की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, 'यही वजह है कि कुछ विशेष संगठन मोरेह शहर में राज्य पुलिस और कमांडो की तैनाती का विरोध कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार इन घुसपैठिये लुटेरों के आगे नहीं झुकेगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. 


उग्रवादियों के पास कहां से आ रहे हथियार?


बताते चलें कि मणिपुर हिंसा (Manipur Violence Updates) में म्यांमार से आए चिन उग्रवादियों के हाथ होने की बात लंबे समय से कही जा रही है. चिन समुदाय के लोग कुकी समुदाय के सजातीय कहे जाते हैं. वे म्यांमार में अलग चिन स्टेट के लिए हथियारबंद लड़ाई लड़ रहे हैं. म्यांमार सरकार की कठोर कार्रवाई की वजह से अब उनके वहां से पांव उखड़ रहे हैं और वे भारत के मिजोरम और मणिपुर में अपना ठिकाना बनाने की कोशिश में जुटे हैं. माना जाता है कि इन उग्रवादियों को चीन की ओर से हथियार सप्लाई किए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल निर्दोष लोगों का खून बहाने में किया जाता है.  


(एजेंसी भाषा)