Mayawati challenged MK Stalin: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती आज सुबह चेन्नई पहुंची. एयरपोर्ट पर लैंड करते ही सबसे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई वाली डीएमके सरकार पर निशाना साधा. तमिलनाडु बीएसपी अध्यक्ष के आर्मस्ट्रांग की हत्या (Tamil Nadu BSP Chief Killed) के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंची मायावती ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां की सरकार एक बड़े राजनीतिक दल के अध्यक्ष को सुरक्षा देने में नाकाम रही है. यहां कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं दिख रही है. ऐसे में अगर के आर्मस्ट्रांग के परिजनों को इंसाफ नहीं मिला तो इसका अंजाम स्टालिन और उनकी पार्टी को भुगतना होगा. 


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सीबीआई जांच की मांग


अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हुए मायावती ने कहा कि उन्हें डीएमके सरकार पर भरोसा नहीं है, हत्यारों को पकड़ने के नाम पर खानापूर्ति हुई है. ये एक गहरी साजिश है. हमारे नेता को क्यों मारा गया इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए.


कौन हैं आर्मस्ट्रांग जिनकी हत्या पर मायावती पहुंची चेन्नई?


तमिलनाडु में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आर्मस्ट्रांग की 5 जुलाई को छह लोगों ने हत्या कर दी थी. बाइक पर आए कुछ लोगों ने आर्मस्ट्रांग पर पेरम्बूर में उनके घर के पास जानलेवा हमला किया. हॉस्पिटल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई. आर्मस्ट्रांग पेशे के एक वकील और अंबेडकरवादी थे. सूबे में दलित समाज के लिए काम करते थे. 52 वर्षीय आर्मस्ट्रांग कई सालों से बीसपी के प्रदेश अध्यक्ष थे. वो उत्तरी चेन्नई इलाके में काफी लोकप्रिय थे. वो अपनी राजनीतिक सक्रियता और स्थानीय मध्यस्थता में भूमिका के लिए भी जाने जाते थे.


बीजेपी ने भी स्टालिन को घेरा


तमिलनाडु बीजेपी ने भी बीएसपी अध्यक्ष की हत्या पर डीएमके सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने हत्याकांड पर दुख जताते तहुए X पर लिखा- BSP प्रदेश अध्यक्ष की चेन्नई में हुई हत्या की खबर से गहरा धक्का लगा है. हमारी संवेदनाएं उनके परिजनों और बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हैं. हमारे समाज में हिंसा और क्रूरता की कोई जगह नहीं है. लेकिन DMK शासनकाल में बीते 3 सालों में तमिलनाडु में ऐसे मामले सामान्य बात हो चुकी है. राज्य की कानून-व्यवस्था को तहस-नहस करने के बाद एमके स्टालिन को खुद से सवाल करना चाहिए कि क्या उनके पास मुख्यमंत्री के पद पर रहने का नैतिक अधिकार है?”