Jammu Kashmir militancy: जम्मू के हमलों में पाकिस्तानी फौज का डायरेक्ट रोल, लगातार मिल रहे LIVE सबूत
Jammu terror attacks: दो महीनों से जम्मू अशांत है. 2008 के बाद आतंकी हमलों में इजाफा हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहले भी आतंकी वारदातें होती थीं, वो फिदायीन के रूप में आते थे मारते थे और खुद भी मर जाते थे. अब उनकी रणनीति बदली है. वो मारने से पहले भागने का रास्ता बनाते हैं, ताकि दोबारा हमला कर सकें.
Jammu Attacks: जम्मू संभाग और कश्मीर घाटी में हाल के आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का हाथ है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के SSG कमांडो के GOC आदिल रहमानी इन हमलों की पूरी रणनीति बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, आदिल रहमानी ही जम्मू संभाग और कश्मीर घाटी में होने वाले हमलों की प्लानिंग कर रहे हैं. यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है.
BAT का एक्शन
27 जुलाई को कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की BAT (Border Action Team) की टीम की संलिप्तता इस बात को पुष्टि करती है कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में सीधे तौर पर शामिल है. पूर्व DGP डॉक्टर एसपी वेद के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में होने वाले हमलों के पीछे पाकिस्तानी सेना का सीधा हाथ है. वेद के अनुसार, यह एक गुप्त युद्ध है और भारत को भी इसका जवाब उसी तरीके से देना होगा.
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डॉ. एसपी वेद ने बताया कि आदिल रहमानी की देखरेख में करीब 600 SSG कमांडो इसके लिए एयर मार्क किए गए हैं. ये कमांडो हाइली ट्रेंड हैं और इनमें से कई भारत में प्रवेश कर चुके हैं. इन कमांडो को पाकिस्तानी सेना में SSG के लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम लीड कर रहे हैं, जो कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर चुके हैं और वही इन कमांडो और आतंकियों को हमले करने के लिए गाइड कर रहे हैं.
ये कमांडो हमले करने के लिए स्थानीय नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, जिसमें स्लीपर सेल्स और ओवर ग्राउंड वर्कर्स शामिल हैं. ये नेटवर्क इन्हें इलाके की जानकारी, खाने-पीने की व्यवस्था और जरूरी लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करने का काम कर रहे हैं.
डॉ. वेद के अनुसार, इनकी कोशिश है कि 16 कोर (व्हाइट नाइट कॉर्प्स, जम्मू) और 15 कोर (चिनार कॉर्प्स, कश्मीर) को इन्वॉल्व किया जाए और लगातार हमले किए जाएं ताकि इलाके में दहशत फैले. इसके अलावा, SSG की दो और बटालियन तैयार बैठी हैं जो हमले करने के लिए प्लानिंग कर रही हैं.
पूर्व डीजीपी एसपी वेद कहते हैं कि पहले भी आतंकी वारदातें होती थीं. तब आतंकी फिदायीन के रूप में आते थे. हमला कर 7-8 लोगों को मारकर खुद भी मर जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा उनकी मॉडस अप्रैंडी बदली है. वो मारने से पहले भागने का रास्ता बनाते हैं. ताकि एक हमला करने के बाद दोबारा हमला कर सकें. यह आतंकियों की नई रणनीति है.
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