नई दिल्ली/वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसम्बर को जिस समय महामना मदनमोहन मालवीय की कर्मस्थली बीएचयू के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे होंगे, ठीक उसी वक्त नई दिल्ली में भारत सरकार महामना को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा कर सकती है।


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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसकी अधिसूचना जारी करने की तैयारी चल रही है। चूंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म की भी तारीख यही है इसलिए इस बात की संभावना भी प्रबल है कि महामना के साथ अटल जी को भी भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा सरकार कर सकती है।


देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान अब तक 43 लोगों को मिल चुका है। 25 दिसम्बर को यदि घोषणा हो जाती है तो महामना मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी यह सम्मान पानेवाले 44वें और 45वें व्यक्ति होंगे। भारतरत्न देने की व्यवस्था दो जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी। उस समय केवल जीवित व्यक्ति को ही यह सम्मान दिया जाता था लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी सम्मान देने का प्रावधान जोड़ दिया गया।
 
25 दिसंबर 1861 को महामना का जन्म प्रयाग में हुआ था और उन्होंने काशी को अपनी कर्मस्थली बनाया था। पीएम नरेंद्र मोदी एक दिन के दौरे पर इस दिन काशी में मौजूद रहेंगे। हालांकि पीएम का पहला कार्यक्रम अस्सी घाट पर सफाई व्यवस्था देखने से जुड़ा है, लेकिन इसके बाद वह करीब सवा घंटे तक बीएचयू में रहेंगे। इस दौरान वह अंतरविश्वविद्यालीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला रखेंगे।
 
उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम मोदी यहां से महामना मदनमोहन मालवीय को भारत रत्न देने पर विश्वविद्यालय परिवार समेत पूरे देश को बधाई दे सकते हैं। वह महामना पर सिक्का जारी करने के साथ ही आजादी का शंखनाद करने वाले शंख महामना के पौत्र गिरिधर मालवीय से ग्रहण कर सकते हैं। गिरिधर मालवीय के पिता पं. गोविंद मालवीय ने संसद के सेंट्रल हाल में 1947 में शंख बजाकर आजादी का शंखनाद किया था जिसे मालवीय परिवार ने सहेज कर रखा है।
 
इसके अलावा स्वतंत्रता भवन में संस्कृति उत्सव के आयोजन की भी तैयारी है। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की उपस्थिति भी अहम होगी जो महामना की जयंती पर ताजमहल, लालकिला सहित देशभर के सभी ऐतिहासिक स्थलों में छात्रों का प्रवेश नि:शुल्क करने की घोषणा कर सकते हैं।