मुंबई: महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी MSRTC पिछले कई महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. नौबत यहां तक थी कि कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं मिल रही है. 


कर्मचारियों को कई महीने से नहीं मिल रही सैलरी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कर्मचारी चाहते हैं कि MSRTC का राज्य सरकार में विलय कर दिया जाए ताकि विभाग आर्थिक संकट से उबर सके और उन्हें वक्त रहते तनख्वाहें मिल सके. इसी मांग को लेकर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों ने अक्टूबर 2021 में हड़ताल शुरू की थी. सरकार  उनकी तनख्वाह बढ़ाने पर तो राजी हुई लेकिन विलय पर सहमत नहीं हुई. जिसके चलते पिछले करीब 6 महीने से अलग अलग गुट आंदोलन कर रहे थे. कुछ कर्मचारी काम पर लौट भी गए. जो लोग काम पर नहीं लौटे, उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई.


शरद पवार और अजित पवार से नाराज हैं कर्मचारी


ये मामला अदालत में गया तो बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक काम पर लौटने को कहा. वहीं राज्य सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिया कि इनके खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे. लेकिन कर्मचारियों का एक गुट विलय की मांग को लेकर अड़ा हुआ था. उनका मानना है कि उनकी इस मांग के आड़े शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार (Ajit Pawar) आ रहे हैं. इसी बात से नाराज होकर कर्मचारियों का एक गुट मुंबई में शरद पवार के निवास सिल्वर ओक पहुंचा और वहां पथराव कर चप्पलें फेंकीं. 


ये भी पढ़ें- संजय राउत को रश्मि शुक्ला फोन टैपिंग मामले में समन, पूछताछ करेगी पुलिस


कर्मचारियों ने अचानक किया बड़ा प्रदर्शन


जब मामला बेकाबू हुआ तो पुलिस के ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर विश्वास नागरे पाटिल समेत कई बड़े अफसर मौके पर पहुंचे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई कर्मचारियों को अपनी हिरासत में ले लिया. इस घटना को एक बड़े इंटेलिजेंस फेल्योर के रूप में देखा जा रहा है. इतने बड़े नेता के निवास पर अचानक इतनी भीड़ का पहुंचना और वहां आक्रामक होने से कोई भी अनहोनी घट सकती थी जबकि पुलिस और महाराष्ट्र गृह विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. 


बताते चलें कि महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में करीब 90 हजार कर्मचारी काम करते हैं. वे पिछले कई महीनों से अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.


LIVE TV