Mundka Fire rescue story: दिल्ली के मुंडका इलाके में स्थित जिस तीन मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग में आग (Mundka Fire) लगी थी उस इमारत के पिछले हिस्से में रहने वाले लोगों ने जब मौत के खौफनाक मंजर को देखा तो बिल्डिंग में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए उनसे जो बन पड़ा उसमें उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. कुछ लोगों के लिए फरिश्ता बनकर आए इन चश्मदीदों ने बताया कि पड़ोसी होने के नाते उन्हें इमारत की तीनों मंजिलों के बारे में पुख्ता जानकारी थी इसलिए उन्हें थोड़ा बहुत अंदाजा था कि यहां की दमकल की गाड़ियों और अन्य सरकारी मदद पहुंचने के पहले वहां की व्यावसायिक गतिविधियों में काम कर रहे लोगों को किस तरह से बचाया जा सकता है. 


फैक्ट्री में थी मीटिंग 


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मदद करने वाले इन चश्मदीदों के मुताबिक शुक्रवार को वहां से संचालित होने वाली फैक्ट्री ने मीटिंग बुलाई गई थी. इसलिए करीब डेढ़ सौ से अधिक लोग तो अकेले सेकंड फ्लोर पर इकट्ठा हुए थे. चश्मदीदों ने ये भी बताया कि शुक्रवार को करीब 3:45 बजे आग लगनी शुरू हुई थी. 


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महिलाओं ने लगाई छलांग


इस बिल्डिंग में काफी बड़ी तादाद में महिलाएं काम करती थीं, हालात बिगड़े तो उन्होंने जान बचाने के लिए ऊपर से छलांग लगाना शुरू कर दिया. इस दौरान किसी के हाथ टूट रहे थे तो किसी के पांव टूट रहे थे. मददगारों ने उन्हें सुरक्षित नीचे उतारने के लिए रस्सी मुहैया कराई तो कुछ लोग बिना चोटिल हुए बिल्डिंग से बाहर आ पाए. 



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कैसे लगी आग?


उन्हीं में से एक शख्स ने बताया कि फैक्ट्री में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग थे. चश्मदीदों के मुताबिक सबसे पहले जनरेटर में शॉर्ट सर्किट हुआ उसके बाद सिलेंडर में आग लग गई. इस्माइल नाम के इस शख्स की बहन उसी फैक्ट्री में काम करती थी. इसलिए वो अपनी बहन को बचाने फैक्ट्री गया था. इस दौरान उसका हाथ जल गया. इस्माइल का कहना है कि उसकी बहन मुस्कान अभीतक लापता है. लोगों ने मुंडका गांव में कमर्शियल बिल्डिंग होने पर भी सवाल खड़ा करते  हुए कहा कि यहां से अपनी व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाला मनीष लाकरा मुंडका गांव का ही रहने वाला है.