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Watch: मुंडका की भीषण आग में 27 की मौत, जान बचाने के लिए बिल्डिंग से कूदे लोग; देखिए दिल दहलाने वाली तस्वीरें

Massive fire in Delhi: दिल्ली के मुंडका (Mundaka) की जिस इमारत में 27 जिंदगियां खत्म हो गईं. उसका प्लॉट नम्बर 193 है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक आग लगने की सूचना शाम पौने 5 बजे मिली थी. जिसके बाद दमकल विभाग की करीब 30 से ज्यादा गाड़ियां पहुंची. सर्च ऑपरेशन के दौरान 27 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. हादसे में जख्मी हुए करीब एक दर्जन लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. ज़ी मीडिया की टीम भी उस बिल्डिंग के भीतर पहुंची जहां ज्यादा देर रुकना संभव नहीं था. इस दौरान जो हालात देखने को मिले उसे देखकर अच्छे अच्छों का कलेजा कांप उठेगा. आइए तस्वीरों के जरिए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर क्या मंजर रहा होगा जब वहां सबकुछ दांव पर लगा होगा.

आग लगी तब ऐसा मंजर था

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आग लगी तब ऐसा मंजर था

जब आग लगी उस वक्त बिल्डिंग में मोटिवेशनल क्लास चल रही थी. सब लोग स्पीकर को सुन रहे थे. बिल्डिंग में आग लगने के दौरान क्या हुआ था आइए बताते हैं. Zee News से Exclusive बातचीत में इस बिल्डिंग में काम करने वाले अंकित नाम के शख्स ने बताया कि जिस वक्त आग लगी वो सेकंड फ्लोर पर था. जहां मोटिवेशनल क्लास चल रही थी. धुंआ ऊपर की तरफ तेजी से आया और लोग सीढ़ियों से नीचे नहीं उतर सके. सीढ़ियों में इतना धुंआ भरा था कि लोगों का दम घुट रहा था. उसके बाद वो छज्जे की तरफ का शीशा तोड़कर सेकंड फ्लोर से रस्सी के सहारे नीचे आया.

संजय गांधी अस्पताल से केस स्टडी

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संजय गांधी अस्पताल से केस स्टडी

जिस इमारत में आग लगी उसके अंदर सब जलकर राख पड़ा है. हादसे में झुलसे और जख्मी लोगों को फौरन अस्पताल ले जाया गया. ऐसे में ज़ी न्यूज़ की एक टीम संजय गांधी अस्पताल पहुंची. वहां इसी अग्निकांड हादसे का शिकार हुई पूजा के परिजन उसकी तलाश के लिए इधर-उधर भटक रहे थे. मुबारक पुर की रहने वाली पूजा की उम्र 19 साल है जो हादसे की जगह में पैकिंग का काम करती थी. दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल में तान्या चौहान की मां भी अपनी बेटी की तलाश के लिए पहुंचीं थीं जिनका रो रोकर बुरा हाल था. मोनिका का परिवार भी उसे ढूंढने आया. उसके भाई अजित का कहना है की शाम 7 बजे तक वो आ जाती थी लेकिन देर हुई तो न्यूज़ में देखकर पता चला की वहां आग लगी थी.

दिल्ली के मुंडका में लगी आग की टाइमलाइन

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दिल्ली के मुंडका में लगी आग की टाइमलाइन

मुंडका की इस इमारत में रोज की तरह सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था. शाम 4 बजे बिल्डिंग के सेकंड फ्लोर पर मोटिवेशनल क्लास चल रही थी. करीब 4.30 बजे इमारत की पहली मंजिल से धुआं निकलना शुरू हुआ, चारों तरफ चीख पुकार मच गई. लोग जान बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे. 

भयानक मंजर

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भयानक मंजर

करीब पौने पांच बजे पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी गई. आग की लपटें बाहर तक निकल रही थीं. जानकारी मिलने के 10 मिनट बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची.

 

ऐसे शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

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ऐसे शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

शाम 4.50 बजे इमारत से बचने के लिए लोग रस्सी के सहारे पहली और दूसरी मंजिल से कूदने लगे. पुलिस ने कई लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू करवाया. शाम 5.00 बजे एक के बाद एक करके दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचनी शुरू हुईं. तब यहां आग बुझाने का काम शुरू हुआ.

पहला शव मिला

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पहला शव मिला

शाम 06.20 मिनट पर एक गली से 45 साल के आसपास की महिला का शव मिला. और कैट्स एंबुलेंस की टीम घायलों को स्थानीय अस्पताल में पहुंचाती रहीं. इसी दौरान कूलिंग ऑपेरशन शुरू हुआ.

 

ये भी पढ़ें- Mundka Fire: मौत की आग में फंसे लोगों को बचाने आए थे 'देवदूत', जानिए रेस्क्यू की कहानी चश्मदीदों की जुबानी

27 मौतों की पुष्टि

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27 मौतों की पुष्टि

आगे चलकर दमकल विभाग ने 16 शवों को निकालने की जानकारी दी. ये आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता गया. जिसके बाद आखिर में 27 लोगों की मौतों की पुष्टि की गई.

 

फिर भड़की आग

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फिर भड़की आग

रात में करीब 11.40 पर एक बार फिर पहली मंजिल पर आग की लपटें दिखाई दीं. फायर बिग्रेड ने फौरन आग पर काबू पाया. 

मौत की बिल्डिंग

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मौत की बिल्डिंग

मुंडका में जिस फैक्ट्री में आग लगी उस फैक्ट्री के मालिक वरुण गोयल और सतीश गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया है.  उनके खिलाफ लापरवाही से मौत की धाराओं और गैर इरादतन हत्या के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. 

घायलों के नाम

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घायलों के नाम

इस हादसे में अभी तक 12 लोगों के झुलसने और जख्मी होने की खबर मिली उनकी पहचान हो गई है. घायलों में सतीश (38), प्रदीप (36), आशु(22), संध्या (22), धनवती (21), बिमला (43), हरजीत (23), आयशा (24), नितिन (24), ममता (52), अविनाश (29), मेल (अज्ञात) का नाम बताया गया है.

भटक रहे परिजन

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भटक रहे परिजन

इस हादसे में कुछ शव इतने जल गए हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल है. कहा जा रहा है कि डीएनए टेस्ट के बाद ही कुछ मृतकों की पहचान हो सकेगी. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है. बिल्डिंग में काम करने वाले कई लोग लापता बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश में उनके परिजन अस्पतालों में भटक रहे हैं.

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