नासिक: प्याज के बढ़े दामों पर संसद से लेकर सड़क तक राजनीतिक पार्टियां विरोध कर रही हैं. लेकिन इसको लेकर किसानों की राय अलग दिख रही है. प्याज के दाम नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार के उठाए कदमों को लेकर किसानों ने नाराजगी जताई और विरोध-प्रदर्शन किया.


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दरअसल, एक तरफ प्याज के बढ़े दाम से ग्राहक परेशान हैं तो वहीं प्याज के स्टॉक की लिमिट घटना और प्याज आयात करने के फैसले से होलसेल मंडी में प्याज की आवक में इजाफा हुआ है. प्याज की बढ़ी आवक ने थोक बाजार में प्याज के दाम घटा दिए हैं. इसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है.


इसको लेकर प्याज उत्पादक किसानों ने नासिक की लासलगाव मंडी में प्रदर्शन किया. पिछले कुछ दिनों से आवक बढ़ने के बाद लासलगाव मंडी में प्याज का दाम का औसत मूल्य प्रति क्विंटल साढ़े 5 हजार रुपए नीचे आया था. पहले बारिश से किसानों का प्याज का नुकसान हुआ था और अब कहीं किसानों को दाम मिल रहे थे, लेकिन सरकार की सख्ती के बाद होलसेल मंडियों में प्याज की आवक बढ़ रही है. आवक बढ़ने से किसानों का मुनाफा कम हुआ है.



प्रदर्शन में शामिल हुए किसान शैलैंद्र निकम बताते हैं कि किसानों को प्याज के लिए हमेशा अच्छा दाम मिलता है. ऐसा नहीं है. इस बार हमें प्याज पर मुनाफा मिल रहा था, लेकिन अब होलसेल में प्याज के दाम गिरे हैं. सरकार को किसानों के बारे में सोचना चाहिए.


प्रदर्शन में शामिल हुए प्याज उत्पादक किसान सीताराम निकम ने कहा, केंद्र सरकार को प्याज की आयात पर रोक लगानी चाहिए. साथ ही प्याज पर लगी निर्यात पर पाबंदी हटानी चाहिए ताकि किसानों को फायदा मिले.


रिपोर्ट- चेतन कोलस, लासलगाव, ज़ी मीडिया