Indian Railways Horn: ट्रेन चलने से पहले और कई बार लोगों को अलर्ट करने के लिए हॉर्न (Train Horn) देती है और यह बहुत जरूरी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कहा है कि ट्रेनों के संचालन के लिए इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. दरअसल, एनजीटी (NGT) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रेनों के हॉर्न पर रोक (Train Horn Ban) लगाने से इनकार किया है, जिसमें ट्रेन के हॉर्न से ध्वनि प्रदूषण होने की बात करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी.


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याचिका में ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 का जिक्र


अजमेर (Ajmer) की कुछ कॉलोनियों मे रहने वाले लोगों ने ट्रेन में हॉर्न (Train Horn) के प्रयोग से ध्वनि प्रदूषण का जिक्र करते हुए याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि यह ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 (Regulation and Control) का उल्लंघन है और वो इससे पीड़ित हैं. एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया.


ट्रेनों के हॉर्न पर नहीं लगाई जा सकती रोक: NGT


जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ ने कहा कि शोर मुक्त वातावरण जरूरी है, लेकिन किसी दूसरे विकल्प के अभाव में आवश्यक गतिविधियां भी संचालित की जानी है और ऐसे में ट्रेनों के हॉर्न पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. लागू 'सीटी कोड' के अनुसार हॉर्न बजाना आवश्यक है.


ट्रेनों के हॉर्न पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज


रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कहा कि देश की आबादी को देखते हुए भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ओर से बड़ी संख्या में ट्रेनों का परिचालन किया जाता है और इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनों के संचालन में शोर ना हो ऐसा नहीं हो सकता है. ऐसे में इस याचिका को खारिज किया जाता है.


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