Delhi News: DERC (दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन), के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर एलजी और दिल्ली सरकार के बीच रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को नसीहत दी है कि वो राजनीतिक मतभेद से ऊपर इस मसले को आपसी बातचीत से सुलझाए. कोर्ट ने एलजी और मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वो आपस में मीटिंग करे और डीईआरसी के अध्यक्ष पद पर किसी एक नाम पर सहमत हो.


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दिल्ली सरकार की याचिका


डीईआरसी का अध्यक्ष पद पिछले सात महीने से खाली पड़ा है. पिछले दिनो इस पद पर जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति के LG के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. दिल्ली सरकार का कहना है कि एलजी ने दिल्ली सरकार को दरकिनार कर  ये नियुक्ति की है.  पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस उमेश कुमार के  DERC के अध्यक्ष पद के लिए शपथ लेने पर रोक लगा दी थी.


SC की सलाह पर दिल्ली सरकार और LG का रुख 


आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस  ने कहा कि क्या सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के जरिये ही होना चाहिए.क्या एलजी और मुख्यमंत्री एक साथ बैठकर DERC के अध्यक्ष पद के किसी एक नाम पर सहमत नहीं हो सकते. दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने  इस पर नाउम्मीदी जाहिर करते हुए कहा कि कोई चमत्कार ही होगा कि एलजी और मुख्यमंत्री एक नाम पर एकमत हो. 


एलजी ऑफिस की ओर से हरीश साल्वे ने  कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार के वकील पहले ही आपसी बातचीत से समाधान को लेकर नाउम्मीदी जाहिर कर रहे है.ये उनका रुख दर्शाता है. उनका जवाब सकरात्मक होना चाहिए.


CJI ने गुरुवार तक का वक्त दिया


चीफ जस्टिस ने कहा कि एलजी और मुख्यमंत्री दोनों संवैधानिक पदों पर बैठे लोग है. उनको राजनैतिक मतभेदो से ऊपर उठना चाहिए. अगर वो आपस में बैठते है और आपस में बात करते है तो हमे उम्मीद है कि ये मसला सुलझ सकता है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को इस मसले का आपसी सहमति से समाधान निकालने के गुरुवार तक का वक़्त दिया.