मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने शनिवार (9 जनवरी) को कहा कि भंडारा के जिला अस्पताल में लगी आग के कारणों का पता लगाने के लिए नेशनल फायर सर्विस कॉलेज (National Fire Service College) और नागपुर के वीआईएनटी के विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी. महाराष्ट्र में भंडारा जिला अस्पताल के विशेष नवजात देखरेख इकाई में शुक्रवार देर रात आग लगने के चलते 10 शिशुओं की मौत हो गई.


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अनिल देशमुख ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ' आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी अथवा एयरकंडीनर की खराबी के चलते यह पता लगाने के लिए सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. एनएफएससी और विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Visvesvaraya National Institute of Technology), नागपुर के विशेषज्ञ आग के कारणों की जांच करेंगे. साथ ही इस बात की भी पड़ताल की जाएगी कि क्या अस्पताल का फायर ऑडिट किया गया था अथवा नहीं? दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'


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मृत शिशु के परिवार को मिलेंगे 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि 


इस बीच, उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, 'यह घटना दुखद एवं चौंकाने वाली है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे हालात का जायजा लेने के लिए भंडारा गए हैं.' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक मृत शिशु के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता-राशि देने का फैसला किया है. इससे पहले दिन में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने संवाददाताओं को बताया कि दस में से कम से कम तीन शिशुओं की मृत्यु झुलसने से हुई, जबकि सात अन्य की मृत्यु अस्पताल के वार्ड में धुएं के चलते दम घुटने से हुई.