Nipah: ऐसा वायरस जिसकी न दवा ना वैक्सीन, संक्रमण से बचने के लिए फौरन करें ये 5 काम
How to safe Nipah Virus: निपाह वायरस चमगादड़ या पिग जैसे जीवों के अलावा संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैलता है. ये वायरस वायरस श्वसन बूंदों (ड्रॉपलेट्स) से फैलता है. इसका मतलब ये कि जब भी कोई पीड़ित शख्स खांसता या छींकता है तो दूसरों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.
Nipah Virus Kaise Failta Hai: केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है. दक्षिण भारत के इस मलयालम भाषी राज्य में अब तक 6 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं दो लोगों की मौत हो चुकी है. सूबे के लोगों में दहशत है. दो दिनों तक स्कूल बंद हो चुके हैं. कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद कई इलाकों में लॉकडाउन जैसे हालात हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए कन्नूर, वायनाड और मलप्पुरम में अलर्ट जारी किया गया है. एक हेल्थ वर्कर इसकी चपेट में आ चुका है. वहीं एक बच्चे की हालत गंभीर है. यहां सबसे ज्यादा टेंशन वाली बात मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री है, क्योंकि एक अनुमान के मुताबिक, मरीजों के संपर्क में कुल 700 लोग आए हैं, जिन पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी कर रहा है. इनमें से 77 अत्यधिक जोखिम श्रेणी में हैं.
भारत में पांचवी बार मंडराया खतरा
निपाह वायरस की पहचान पहली बार साल 1999 में हुई. पहली बार मलेशिया में सुअर पालने वाले किसानों में इस वायरस का अटैक दिखा था. साल 2001 में बांग्लादेश में भी निपाह वायरस के मामले सामने आए. बीते 20 सालों में भारत में पांच बार निपाह की दहशत देखी गई है. निपाह वायरस का पहला आउटब्रेक वेस्ट बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ था. इसके बाद के सारे आउटब्रेक यानी निपाह फैलने के मामले अकेले केरल में सामने आए हैं. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर अध्ययनों के अनुसार पूरे केरल में इस तरह के संक्रमण होने का खतरा है.
गौरतलब है कि केरल ने पहले निपाह के प्रकोप की सूचना 2018 में एक बार और 2019 और 2021 में दी थी. 2018 में, 18 रोगियों में से 17 की मृत्यु हो गई थी.
साफ है कि यह वायरस जानलेवा है, जिसका किल रेट ज्यादा है. यानी संक्रमण होने के बाद पीड़ित की मौत होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में यह जान लेना बेहद जरूरी है कि निपाह वायरस कैसे फैलता है और संक्रमण से बचाव के लिए आप क्या-क्या सावधानी बरत सकते हैं.
इस वायरस के जानवरों से इंसानों में और इंसानों से इंसानों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. निपाह से संक्रमित जानवरों जैसे- चमगादड़ और सुअर के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैलता है.
लक्षण पहचानिए-
निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं. शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द और बुखार शामिल हैं. इसके अलावा खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी आना. वहीं गंभीर रूप से बीमार शख्स में Nipah Virus के ये लक्षण दिखते हैं - भ्रम की स्थिति, नींद न आना, दौरे पड़ना, कोमा में जाना, मस्तिष्क में सूजन और दिमागी बुखार. गंभीर रूप से बीमार होने की स्थिति में 40-70% तक मरीजों की मौत हो जाती है.
बचाव के लिए करें ये 5 काम-
निपाह वायरस भी कोविड की तरह इंसानों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए इसका प्रिवेंशन प्रोटोकॉल भी कोरोना जैसा है. ऐसे में सावधानी ही बचाव है.
इसलिए बचाव के लिए ये टिप्स फॉलो करें-
1. डबल मास्क पहनें.
2. निश्चित अंतराल पर ठीक तरह से हाथ धोएं.
3. भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं.
4. पक्षियों या जानवरों के चखे फल न खाएं.
5. चमगादड़ व अन्य पक्षियों से दूरी बनाए रखें. कंटनमेंट जोन या आसपास बने ताड़ी जैसे द्रव्य का सेवन न करें.