No one Should be left Behind: मुश्किल में भी ‘अपनों’ का साथ नहीं छोड़ते Indians, Sniffer Dogs को काबुल से निकाला
अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के कर्मियों ने मुश्किल वक्त में भी तीन खोजी कुत्तों को अकेला नहीं छोड़ा. काबुल से निकलते समय वो तीनों को अपने साथ लेकर आए. फिलहाल डॉग्स को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के छावला कैंप में रखा गया है. इन डॉग्स ने कई बड़ी साजिशों को नाकाम किया था.
नई दिल्ली: भारत के लोग (Indians) मुश्किल वक्त में भी ‘अपनों’ को अकेला नहीं छोड़ते. फिर चाहे वह बेजुबान ही क्यों न हो. काबुल (Kabul) से भारतीयों को लेकर जो विमान आया है, उनमें तीन खोजी कुत्ते (Sniffer Dogs) भी शामिल हैं. माया, रूबी और बॉबी नाम के ये डॉग्स काबुल स्थित भारतीय दूतावास में तैनात थे. जिंदगी बचाने के जद्दोजहद के बीच भी दूतावास कर्मी इन तीन ‘अपनों’ को साथ लेकर आना नहीं भूले. बता दें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानी कब्जे के बाद भारत द्वारा दूतावास से अपने राजदूत और कर्मचारियों को स्वदेश वापस लाया जा रहा है.
ITBP के कैंप में हैं तीनों Dogs
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मंगलवार को जब भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के विमान से भारतीय दल काबुल से वापस लौटा, तो उस दल के साथ तीनों कुत्तों (Dogs) को भी भारत लाया गया. फिलहाल उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के छावला कैंप में रखा गया है. कमांडो की टुकड़ी के साथ माया, रूबी और बॉबी नामक ये डॉग्स मंगलवार को गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना अड्डे पर उतरे थे.
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कई साजिशें की थीं नाकाम
तीनों डॉग्स काबुल स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे और तीनों ने कई बार दूतावास के पास विस्फोटक सूंघकर बड़ी साजिश को नाकाम किया था. इसके अलावा भी ये खोजी कुत्ते (Sniffer Dogs) कई मौकों पर दूतावास के भारतीय और अफगान कर्मचारियों की सहायता कर चुके हैं. माया, रूबी और बॉबी को हरियाणा के पंचकुला स्थित डॉग ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षित किया गया है. आईटीबीपी के अनुसार, तीनों कुत्ते जब भारतीय जमीन पर पहुंचे तो काफी खुश नजर आ रहे थे.
120 Indians की हुई है वापसी
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना फिलहाल अफगानिस्तान से राजनयिकों और अन्य लोगों को निकालने में जुटी है. इसी क्रम में मंगलवार को काबुल से एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर विमान 120 लोगों को लेकर दिल्ली पहुंचा था. विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि काबुल में हमारे राजदूत और सभी भारतीय कर्मचारी तुरंत भारत आएंगे. इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है.