LAC: `भारत की एक इंच जमीन भी चीनियों के कब्जे में नहीं.. कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता`
India-China: भारत-चीन के बीच लद्दाख में लंबे समय सीमा विवाद चला आ रहा है. कई बार खबरें सामने आई हैं कि चीन ने हमारी जमीन में दखल करने की कोशिश की है. इस बारे में जब लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया.
India-China: भारत-चीन के बीच लद्दाख में लंबे समय सीमा विवाद चला आ रहा है. कई बार खबरें सामने आई हैं कि चीन ने हमारी जमीन में दखल करने की कोशिश की है. इस बारे में जब लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत की एक इंच जमीन भी चीन के कब्जे में नहीं है.
लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने सोमवार को कहा कि चीनी सेना ने केंद्र शासित प्रदेश में एक इंच भी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है. उनसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि चीन ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के बड़े क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है. इसके जवाब में मिश्रा ने कहा कि मैं किसी के बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.
उन्होंने कहा कि लेकिन मैं तथ्यों का एक बयान देना चाहता हूं. मुझे नहीं पता कि 1962 में क्या हुआ होगा, लेकिन मैंने अपनी आंखों से देखा है, आज लद्दाख में हमारे क्षेत्र का एक इंच भी चीनियों द्वारा कब्ज़ा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक हमारे क्षेत्र के अंतिम इंच तक की रक्षा कर रहे हैं. हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर मिश्रा सेना द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नॉर्थ टेक संगोष्ठी में भाग लेने के लिए यहां आए थे. कार्यक्रम से इतर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं, और भगवान न करे अगर गुब्बारा ऊपर चला गया, तो लोगों को हमसे खूनी नाक मिलेगी."
उन्होंने कहा कि सैनिकों का मनोबल बहुत ऊंचा है. उनका इरादा हर वर्ग इंच भूमि की रक्षा करना है. कोई भी यहां पैर जमाने के इरादे से भारत की ओर आने की हिम्मत नहीं कर सकता. मुझे लगता है कि इसका सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महान नेतृत्व को जाता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या सुरक्षा बढ़ाने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात करने के लिए हथियारों की पहचान कर ली गई है और उन्हें खरीद लिया गया है? उन्होंने कहा कि ऐसा किया जा रहा है.
बीडी मिश्रा ने कहा कि जब मुझे 1961 में सेना में नियुक्त किया गया था...मेरी बटालियन में कुछ भी स्वदेशी नहीं था. हमारी राइफलें, .303 छोटे हथियार बर्मिंघम में बनाए गए थे. हमें जो घड़ी मिली वह स्विट्जरलैंड में बनी थी. आज वहां हर एक चीज स्वदेशी है. ऐसा कुछ भी नहीं है जो स्वदेशी न हो.
सोमवार को जम्मू के बाहरी इलाके में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर में शुरू हुए नॉर्थ टेक संगोष्ठी में बड़ी संख्या में कंपनियां और स्टार्ट-अप अपने सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन कर रहे हैं. यह संगोष्ठी खरीद योजनाओं के लिए कार्रवाई योग्य इनपुट का योगदान करते हुए उत्पाद मूल्यांकन, प्राथमिकता और अधिग्रहण के लिए एक संरचित दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करती है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)