VIDEO: उमर अबदुल्ला ने का विवादित बयान, कहा- इंशाअल्लाह जम्मू-कश्मीर में हमारा अलग PM होगा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव से पहले विवादित बयान दिया है.
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव से पहले विवादित बयान दिया है.कश्मीर के बांदीपोरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि, 'आज हमारे ऊपर तरह-तरह के हमले हो रहे हैं और तरह-तरह की साजिशें रची जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर की पहचान को मिटाने के लिए बड़ी- बड़ी ताकतें लगी हुई हैं. 'बाकी रियासत बिना शर्त के देश में मिले, पर हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी, अपना संविधान होगा. हमने उस वक्त अपने "सदर-ए-रियासत" और "वजीर-ए-आजम" भी रखा था, इंशाअल्लाह उसको भी हम वापस ले आएंगे.'
अब्दुल्ला ने बीजेपी अध्यक्ष का नाम लेते हुए कहा, 'कल की ही बात है जब अमित शाह साहब ने किसी टीवी इंटरव्यू में कहा कि 2020 तक हम जम्मू कश्मीर से धारा 35 ए को हटाने का काम करेंगे. इससे पहले मुल्क के फाइनेंस मिनिस्टर (वित्तमंत्री) अरुण जेटली साइब ने हमें धमकी दी कि 35 ए और धारा 370 हटाई जाएगी.'
अब्दुल्ला ने कहा कि, बाकी रियासत बिना किसी शर्त के देश में शामिल हुईं, पर जम्मू-कश्मीर भारत में शामिल होने से पहले शर्त रखने वाला अकेली रियसत थी. शर्त में कहा गया था कि, हमारी अपनी पहचान होगी. अपना संविधान होगा. हमारा अपना झंडा होगा. इंशाअल्लाह उसको भी हम वापस ले आएंगे.' यहां उन्होंने भारत की अन्य रियासतों को कश्मीर के बीच अंतर का जिक्र किया और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नाम का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधा.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे पर ब्लॉग को लेकर उमर ने जेटली की आलोचना की
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने का केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली द्वारा समर्थन किए जाने पर कहा था कि इस तरह की बात भारत में इस राज्य को शामिल किए जाने पर सवाल खड़े करेगी. उमर ने संवाददाताओं से कहा था कि बीजेपी और इसके नेतृत्व को इस मुद्दे पर फूंक- फूंक कर कदम रखना चाहिए और नियम एवं शर्तों पर फिर से बातचीत नहीं की जा सकती.
नेकां उपाध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि आप अनुच्छेद 370 और ‘अनुच्छेद 35 ए’ पर बहस करना चाहते हैं, तो मुझे माफ कर दीजिए. विलय (जम्मू कश्मीर के) पर भी सवाल उठेगा क्योंकि यह इन्हीं शर्तों पर हुआ था.’’ गौरतलब है कि संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है, जबकि ‘अनुच्छेद 35 ए’ राज्य विधानमंडल को राज्य के स्थायी बाशिंदों और उनके विशेष अधिकारों तथा विशेषाधिकारों को परिभाषित करने की शक्ति देता है.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और उसकी पहचान गंभीर खतरे में है. यह कोई नया खतरा नहीं है, बल्कि विशेष तौर पर 2015 से है जब भाजपा ने राज्य में (गठबंधन) सरकार बनाई थी. उन्होंने दावा किया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा पर बृहस्पतिवार को जेटली का एक ब्लॉग इस बात का सबूत है कि भाजपा और उसके नेता इस राज्य के बारे में जो सोच रहे हैं वह सही नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि मोदी ने राज्य के हालात को अच्छी तरह से समझा होता तो...हम कहीं अधिक विकास कर लेते. उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा फैलाई जा रही है कि ये दोनों अनुच्छेद सिर्फ कश्मीर के मुसलमानों को फायदा पहुंचा रहे हैं. तथ्य यह है कि राज्य को मिले विशेष दर्जे से न सिर्फ कश्मीर घाटी, बल्कि जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों को भी संरक्षण प्राप्त है.
(इनपुट भाषा से भी)