Duleep Singh History: पंजाब (Punjab) के आखिरी राजा की कहानी भी जान लीजिए जो महज 5 साल की उम्र में राजा बना लेकिन फिर जल्द ही उसका साम्राज्य छीन लिया गया. इसी सितंबर महीने के पहले हफ्ते में सन 1838 में उनका जन्म हुआ था. बताया जाता है कि उनकी दोस्ती ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया (Queen Victoria) तक से थी. 15 साल की उम्र में ही वे इंग्लैंड चल गए थे और अपनी जिंदगी का तमाम हिस्सा विदेश में ही गुजारा था. इतना ही नहीं पंजाब के इस आखिरी राजा को इंग्लैंड में ब्लैक प्रिंस ऑफ पर्थशायर के नाम से भी जाना जाता था. पिछले साल यूनाइटेड किंगडम में लगी एक प्रदर्शनी में पंजाब के आखिरी राजा से जुड़ी चीजों को आम लोगों के देखने के लिए रखा गया था. आइए पंजाब के इस आखिरी राजा से जुड़े किस्सों के बारे में जानते हैं.


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पंजाब के आखिरी राजा की कहानी


बता दें कि पंजाब में सिख साम्राज्य के इस आखिरी राजा का नाम दलीप सिंह था. वे सिख साम्राज्य की स्थापना करने वाले महाराजा रणजीत सिंह के बेटे थे. कम उम्र यानी जब दलीप सिंह 5 साल के थे तब उन्हें राजा बना दिया गया था. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पिता और उनके भाइयों की मौत हो चुकी थी. अंग्रेजों ने पंजाब में दलीप सिंह की सेना को हरा दिया और उनकी राजशाही चली गई. इसके बाद अंग्रेजों ने दलीप सिंह को उनकी मां से अलग कर दिया.


ईसाई धर्म की तरफ हुआ झुकाव


जान लें कि जब दलीप सिंह की उम्र 10-11 साल थी तब उन्हें मां से अलग करके देखरेख के लिए ब्रिटिश सेना के डॉक्टर सर जॉन लोगिन और उनकी पत्नी को सौंप दिया गया था. इस दौरान दलीप सिंह को ईसाइयों की पवित्र पुस्तक बाइबिल भी भेंट की गई. जिसके बाद उनका रुख ईसाई की धर्म की तरफ हो गया. बताया जाता है कि सन् 1850 में दलीप सिंह को बाइबिल सौंपी गई थी. यूनाइटेड किंगडम में लगाई प्रदर्शनी में इसे भी दिखाया गया.


महारानी विक्टोरिया से दोस्ती


गौरतलब है कि दलीप सिंह 15 साल की उम्र में भारत से इंग्लैंड चले गए थे. वहां, उनकी मुलाकात ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया से हुई थी. कहा जाता है कि फिर दलीप सिंह और महारानी विक्टोरिया की अच्छी दोस्ती हो गई थी. अर्काइव सेंटर में दिखाई गई प्रदर्शनी में दलीप सिंह और महारानी विक्टोरिया की दोस्ती की झलक भी दिखी.


क्यों पड़ा ब्लैक प्रिंस ऑफ पर्थशायर नाम?


जान लें कि सन् 1864 में दलीप सिंह की शादी एक जर्मन बैंकर की बेटी बाम्बा मूलर से हुई थी. दलीप सिंह अपने परिवार के साथ सफक के ग्रामीण इलाके में एल्वेडेन हॉल में रहते थे. एल्वेडेन हॉल एक आलीशान बिल्डिंग थी. राजपाठ छिन जाने के बावजूद दलीप सिंह की रईसी में कोई कमी नहीं थी. दलीप सिंह को लैविश लाइफस्टाइल, जश्न और अंग्रेजी हाईलैंड पहनना बहुत पसंद था. इसी वजह से ब्रिटेन में लोग दलीप सिंह को ब्लैक प्रिंस ऑफ पर्थशायर कहकर पुकारने लगे थे.