नई दिल्ली : पेरिस में शनिवार रात जलवायु परिवर्तन पर हुए ऐतिहासिक समझौते को आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जलवायु न्याय’ की जीत बताया और कहा कि इसके परिणामस्वरूप न कोई जीता और न कोई हारा।


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प्रधानमंत्री ने कांफ्रेंस आफ पार्टीज़ (सीओपी) 21 में चुनौतियों से उबरते हुए समझौते के स्तर तक पहुंचने में प्रत्येक देश के योगदान की सराहना की। मोदी ने कहा कि इस बारे में हुई चर्चा जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में विश्व नेताओं की सामूहिक बुद्धिमता को प्रदर्शित करती है।


मोदी ने ट्विट किया, ‘पेरिस समझौते के परिणामस्वरूप न कोई हारा और न कोई जीता। जलवायु न्याय की जीत हुई और हम सब हरित भविष्य की दिशा में काम करेंगे।’ मोदी कानून रूप से बाध्यकारी उस समझौते पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें ग्लोबल वार्मिंग की सीमा को 2 डिग्री सेल्सियस करने और विकासशील देशों की मदद के लिए 2020 से विकसित देशों द्वारा प्रति वर्ष 100 अरब डालर देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करना शामिल है।


प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्विट में कहा, ‘जलवायु परिवर्तन एक चुनौती बनी हुई है लेकिन पेरिस समझौता यह प्रदर्शित करता है कि कैसे प्रत्येक देश इस चुनौती से निपटने में एकजुट हुए और समाधान की दिशा में बढ़े।’ उन्होंने कहा कि सीओपी-21 में चर्चाएं और पेरिस समझौता जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में विश्व नेताओं की सामूहिक बुद्धिमता को प्रदर्शित करता है।


उल्लेखनीय है कि कई दिनों के व्यापक विचार विमर्श के बाद 195 देशों ने इस विषय पर ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इससे पहले 31 पन्नों के दस्तावेज को अंतिम रूप दिया गया। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन करके यह जानकारी दी।